डॉ. रहीस सिंह, एक्सपर्ट विदेश नीति एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध के लेखक हैं। लगभग 25 वर्षों से नियमित कॉलम लेखन एवं पत्रकारिता के साथ-साथ दिल्ली में सिविल सेवाओं से जुड़े प्रतिभागियों के बीच अध्यापन। इसके समानांतर इतिहास, वैश्विक सम्बंध, विदेश नीति आदि विषयों पर करीब दो दर्जन पुस्तकों का लेखन (जिन्हें पियर्सन, मैक ग्रॉ हिल, लेक्सिस नेक्सिस, प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली आदि द्वारा प्रकाशित किया गया है।
महाशक्तियों की महत्वाकांक्षाएं असीमित होती हैं। स्वाभाविक है कि वे आपस में टकराएंगी। ऐसे टकराव कभी कम तीव्रता वा
‘‘आज का भारत दुनिया की बड़ी ताकत बनना चाहता है न कि बैलेंसिंग पावर। इसलिए भारत आज बड़ी वैश्विक जिम्मेदारी निभाने के
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसी सप्ताह में नई दिल्ली आ रहे हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान भारत और रूस अपने परम
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य बहुत से निश्चित-अनिश्चित भू-रणनीतिक तनावों से गुजरता हुआ दिख रहा है। कार्नवाल (जी7) से रो
इन दिनों चीन एक बड़े आर्थिक संकट की तरफ जाता दिख रहा है। 2020 में कोविड 19 के वुहान कनेक्शन के बाद चीन कुछ समय के लिए विश्व
दुनिया एक नयी विश्वव्यवस्था की तरफ खिसकती हुयी दिख रही है लेकिन अभी यह तय नहीं है कि जब विश्वव्यवस्था संक्रमण से ब