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JADC2: ऑल-डोमेन ऑपरेशंस का लीडर

ब्रिगेडियर अरविंद धनंजयन (सेवानिवृत्त), सलाहकार संपादक रक्षा
शुक्र, 05 नवम्बर 2021   |   9 मिनट में पढ़ें

स्रोत: news.usni.org

काल्पनिक परिदृश्य (04 जुलाई 2028): एक उत्तर कोरियाई ICBM प्योंगयांग के बाहर से लॉन्च किया गया है। प्रक्षेपण के 10 सेकंड बाद, इसमें से निकले हीट (ऊष्मा) को अमेरिकी निगरानी उपग्रह भांप जाता है। यूएस फोर्सेज कोरिया (USFK) के कमांडर और यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड (INDOPACOM) से पेंटागन इस बारे में जानकारी हासिल करता है, जो लॉन्च की पुष्टि करते हैं। आईसीबीएम पृथ्वी के वातावरण से आगे बढ़ रहा है और पेंटागन यह विश्लेषण करने का प्रयास करता है कि उसका लक्ष्य सतह की वस्तु है या अमेरिकी/मित्र का उपग्रह है। मिसाइल की उड़ान प्रोफ़ाइल को ट्रैक करने और यूएस मेनलैंड/समीपस्थ द्वीप क्षेत्रों पर मिसाइल-विरोधी प्रक्रियाओं को शुरू करने की जिम्मेदारी यूएस स्ट्रैटेजिक कमांड (स्ट्रैटकॉम) के कमांडर को सौंपी जाती है। आईसीबीएम अपने चरम पर पहुंच जाता है और पुन: प्रवेश की ओर बढ़ना शुरू कर देता है, इस तरह यह पुष्टि होती है कि लक्ष्य एक सतह पर स्थित संपत्ति/स्थान है। मिसाइल रोधी तैयारियों को अंजाम देने की जिम्मेदारी एक बार फिर कमांडर INDOPACOM पर आ जाती है। तब ICBM गुआम को पार करता है और अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर जाता है। मिसाइल पर नज़र रखने और काउंटर युद्धाभ्यास करने का दायित्व तुरंत उत्तर अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) और यूएस नॉर्दर्न कमांड (NORTHCOM) को सौंपा जाता है, जो यूएस मेनलैंड के आसमान और क्षेत्र की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।

                                      -जनरल डेविड गोल्डफिन, सीएसएएफ से की गयी वार्ता पर आधारित और विधिवत संशोधित

कमांडरों के बीच जिम्मेदारी में उपरोक्त परिवर्तन में लॉन्च से 30 मिनट की अवधि व्यतीत हुई है, इस तरह कमांडरों के लिए उपलब्ध ऑब्जर्व-ओरिएंट-डिसाइड-एक्ट (OODA) के लिए समय बहुत कम बचता है। यह परिदृश्य मजबूत और निर्बाध संचार और स्वचालित सूचना प्रसंस्करण पर तेजी से अमल किये जाने पर निर्भरता को भी प्रदर्शित करता है। हममे से कुछ लोगों के लिए यह चिंता का विषय हो सकता है कि वर्तमान सशस्त्र बलों की संचार और सूचना प्रसंस्करण सुविधा इतने कम ओओडीए अवधि में पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती, जबकि  वर्तमान समय में अलग-थलग, डोमेन विशिष्ट ‘कॉन्फ्लिक्ट बबल’ में युद्ध होंगे। ऐसे में मल्टी-डोमेन (एमडी) संचालन (एमडीओ) के लिए क्षमता निर्माण महत्वपूर्ण हो जाता है।

पारंपरिक संयुक्त युद्ध और ऑल डोमेन संयुक्त युद्ध में क्या अंतर है?

[ऑल-डोमेन ऑपरेशंस गठबंधन] “अंतरिक्ष, साइबर, निवारक, परिवहन, विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम संचालन, मिसाइल डिफेंस – इन सभी वैश्विक क्षमताओं को एक साथ … एक वैश्विक प्रतियोगी और हर स्तर के युद्ध का मुकाबला करने के लिए।”

                                             -जनरल जॉन हाइटेन, वाइस चेयरमैन, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ, यूएस

संयुक्त युद्ध का एक भाग है संयुक्तता, जिसमें लक्ष्य हासिल करने के लिए विशेष डोमेन, चाहे वह भूमि, समुद्र, वायु या साइबर हो, में प्रमुख परिचालन सेवाओं के माध्यम से लक्षित आदेशों की आपूर्ति के साथ खुफिया जानकारी साझा करना और संयुक्त निर्णय लेना शामिल है। इस प्रकार, इनपुट संयुक्त थे, लेकिन टास्किंग ज्यादातर एक डोमेन के लिए जिम्मेदार सेवा पर था। इस तरह सही मायनों में संयुक्तता, अभी तक दुनिया के सशस्त्र बलों से दूर है। ‘ऑल डोमेन संयुक्तता’ की अवधारणा में निर्बाध सूचना प्रवाह, सभी सेवाओं और डोमेन में कार्य करने की अनुमति शामिल है। अमेरिका इस पैमाने पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

चीन की ऐंटी-एक्सेस, एरिया-डिनायल (ए2एडी) रणनीति के तहत वर्तमान में पीएलए के सशस्त्र बलों में मजबूत संचार सुविधा के माध्यम से जुड़े नेटवर्क सेंसर/हथियार प्रणालियों का निर्माण किया गया है जो चीनी सिस्टम/क्षेत्र में भौतिक/इलेक्ट्रॉनिक पहुंच से परे रखने के लिए एमडी क्षमता का निर्माण करता है। इसके फलस्वरूप अमेरिका ने ऑल-डोमेन ऑपरेशंस की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया।

JADC2 क्या है?

विघटनकारी प्रौद्योगिकियों, विषम क्षमताओं और हाइब्रिड युद्ध के तेज गति वाले युग में, सैन्य योजना बनानेवालों के लिए उपलब्ध ओओडीए समय लगातार कम होता जा रहा है। इसलिए ‘कारण और प्रभाव’ के अंतराल को घटाने की तत्काल आवश्यकता है। ऐसे में डिजिटली सुरक्षित संचार व्यवस्था, मशीन प्रसंस्करण, एआई और युद्ध के समय सभी स्तरों पर डेटा विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि ‘सबसे तेज और सबसे पहले’ जवाब दिया जा सके और विरोधी की क्षमताओं को पैन-डोमेन युद्ध करने से पहले ही अपंग किया जा सके। भिन्न-भिन्न सूचनाओं को समेटने के लिए इस तरह की प्रौद्योगिकियां जरूरी हैं जो रणनीतिक प्लेटफार्मों से लेकर फ्रंटलाइन सामरिक संस्थाओं तक सभी युद्धक्षेत्र के डोमेन तक ऐसी कार्रवाई योग्य जानकारी मुहैया कराये।

JADC2 का पूरा नाम है ‘ज्वाइंट ऑल डोमेन कमांड एंड कंट्रोल’। एक राष्ट्र की भूमि/समुद्र/वायु/स्पेक्ट्रम/साइबर/स्पेस में स्थित डोमेन और युद्ध क्षमता को बढाना इसका उद्देश्य है। जैसा कि स्पष्ट है, इस तरह की अवधारणा का दायरा बहुत बड़ा है जो अपने साथ कनेक्टिविटी,  इंटेलिजेंस,  सर्विलांस एंड रिकोनिसेंस (आईएसआर) शेयरिंग, संसाधनों के समय की शेयरिंग, टास्किंग और अंततः युद्ध में नुकसान के आकलन की चुनौतियां भी लाता है।

JADC2 का आधार कमांड और नियंत्रण की अब तक की केंद्रीकृत अवधारणा से आगे निकल गयी है। अब यह हर सेंसर को हर शूटर से जोड़ता है और एआई को मानवीय निर्णय के साथ मिश्रित कर निर्णय लेने में तेजी लाता है। “आखिरकार, यह सूचना और सैन्य कार्रवाइयों के मामले में, विरोधी से आगे रहने के लिए निर्णय लेने की क्रिया को JADC2 आर्किटेक्चर में शामिल करने के बारे में है”।

अमेरिकी JADC2 प्रोग्राम को 2018 की यूएस नेशनल डिफेंस स्ट्रैटेजी (NDS) के नतीजे के रूप में माना जा सकता है। यह प्रोग्राम अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (DoD) द्वारा सशस्त्र बलों से जुड़े मौजूदा C2 आर्किटेक्चर को सुधारने की एक पहल है। अमेरिकी वायु सेना/सेना/मरीन कॉर्प्स/नौसेना/अंतरिक्ष सेना और पूरे डोमेन में सेंसरों और प्लेटफार्मों के नेटवर्क के माध्यम से एमडी,  सही समय पर निर्णय लेने में सक्षम होंगे।

JADC2 के स्तंभ क्या होंगे?

ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (सीजेसीएस) के पूर्व चेयरमैन जनरल जो डनफोर्ड ने ग्लेबल फोर्स मैनेजमेंट (वैश्विक बल प्रबंधन) के संदर्भ में बताया कि यह एक नया परिप्रेक्ष्य है जो थिएटर कमांड के पारंपरिक अधिकार क्षेत्र को देखता है। उन्होंने बताया कि ग्लोबल फायर्स और फिजिकल (काइनेटिक हथियार)/ऩॉन फिजिकल (साइबर-हमले) का अर्थ है कि उसे थिएटर के बाहर से लॉन्च कर थिएटर के भीतर प्रभाव हासिल करने लिए किया जा सकता है।

वर्तमान सीजेसीएस जनरल मार्क मिले ने ऑल डोमेन युद्ध की अवधारणा में नयी बात बतायी कि: ग्लोबल प्लान्स- न केवल निर्धारित परिदृश्यों के लिए योजना बनाना है बल्कि संकट में तेजी से प्रतिक्रिया देना भी है। ग्लोबल ऑपरेशंस शॉर्ट ऑफ फायर्स- शांति और चौतरफा युद्ध के बीच तथाकथित “ग्रे ज़ोन” में संचालन; मैसेजिंग का वैश्विक एकीकरण- सहयोगियों को आश्वस्त करने और विरोधियों को रोकने के लिए शब्दों और कार्रवाई का उपयोग; और प्रतिरोध का वैश्विक एकीकरण- संभावित विरोधियों को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ दुस्साहस करने से रोकने के लिए संपूर्ण हथियारों के स्पेक्ट्रम का उपयोग।

C2: JADC2 के प्रभावी होने के लिए, “कोई भी सेंसर किसी भी शूटर और किसी भी C2 नोड से लिंक करने में सक्षम होना चाहिए- उदाहरण: – एक आर्मी C2 नोड / कार्रवाई योग्य लक्ष्यीकरण डेटा के साथ आगे की इकाई को वायु/भूमि/समुद्री प्लेटफॉर्म पर उपयुक्त कार्रवाई करने में सक्षम होना चाहिए। यह बॉटम-अप एप्रोच (बीयूए) निर्णय लेनेवाली ऑथोरिटी के उद्देश्य के लिए बेहतर है और तेजी से निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है। स्पष्ट नुकसान यह है कि रणनीतिक स्तर पर समन्वित लड़ाई की अंतर्दृष्टि की कमी के कारण बीयूए वांछित प्रभाव प्राप्त करने में दक्षता या प्रयास के स्तर से समझौता कर सकता है। इसलिए, रणनीतिक कमांडरों में निहित चयन के निर्णय के साथ, बॉटम-अप और टॉप-डाउन C2 का एक डायनामिक संयोजन JADC2 के लिए सबसे उपयुक्त होगा। इस डायनामिक दृष्टिकोण से C2 को निष्पादित करने और संचालन के लिए प्रत्येक युद्ध में लीड सर्विस की आवश्यकता होगी।

संचार और सिस्टम आर्किटेक्चर : 5G तकनीक के साथ व्यापक बैंडविड्थ और गतिशील स्पेक्ट्रम साझाकरण, युद्धक्षेत्र सेंसर (मानव/डिजिटल) से निर्णय लेनेवालों और फिर लागू करनेवाले प्लेटफार्मों को तेजी से डेटा साझा करने की सुविधा होगी। धीमी डेटा हस्तांतरण की परेशानी या संचार की बाधा के बिना 5जी कम्यूनिकेशन गतिशील स्पेक्ट्रम साझाकरण से एकाधिक ग्राहकों को एक साथ उपयोग करने में सक्षम बनाता है। अमेरिकी DoD ने JADC2 संचार वास्तुकला की रीढ़ के रूप में 5G तकनीक के उपयोग का प्रस्ताव दिया है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की परिभाषा: ‘अंतरसंबंधित कंप्यूटिंग उपकरणों या अन्य वस्तुओं/व्यक्तित्वों की एक प्रणाली होगी जिसे अद्वितीय पहचान दी जाती हैं और जो मानव-से-मानव या मानव से कंप्यूटर की आवश्यकता के बिना नेटवर्क पर डेटा स्थानांतरित करने की क्षमता रखती हैं। इसी के विस्तार के रूप में, इंटरनेट ऑफ मिलिट्री थिंग्स (IoMT)  विकसित किया गया है जो सैन्य डोमेन के लिए IoT तकनीकों का अनुप्रयोग है। अमेरिकी सेना ने IoMT की अवधारणा को इंटरनेट ऑफ़ बैटलफ़ील्ड थिंग्स (IoBT) तक विस्तारित किया है, जिससे सैन्य संस्थाओं, प्लेटफार्मों और सेंसर के कई युद्धक्षेत्र जुड़े होते हैं। यह स्वायत्त है तथा AI को तेजी से उपयुक्त कार्रवाई के लिए फ्रंटलाइन को स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करते हैं। इस प्रकार मिशन के उद्देश्यों को हासिल करना JADC2 का एक महत्वपूर्ण पहलू है  बशर्ते कि इस नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

IoMT/IoBT का चित्रण: Source-semanticscholar.org

मोज़ेइक वारफेयरऔर एआई: 12 अगस्त की यूएस कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (सीआरएस) रिपोर्ट के अनुसार, मोज़ेइक वारफेयर (एमडब्ल्यू) डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (डीएआरपीए)-प्रायोजित परियोजनाओं (एक ‘सिस्टम-ऑफ-सिस्टम’) की एक श्रृंखला का प्रतिनिधित्व करता है जो ऐसे सिस्टम को संयोजित करने के लिए एआई का उपयोग करता है जो इंटरऑपरेट करने के लिए डिज़ाइन नहीं किए गए हैं।

एमडब्ल्यू एक सेंसर (जैसे:-सैटेलाइट) से जानकारी के संग्रह और डेटा को लक्षित करने योग्य जानकारी में बदलेगा, जो एक ‘शूटर’- साइबर/ईडब्ल्यू हथियार, मिसाइल, विमान, या किसी अन्य उपयुक्त प्लेटफॉर्म को दिया जाएगा। एमडब्ल्यू एआई-जनरेटेड सॉफ़्टवेयर को वायरलेस सिस्टम को वास्तविक/निकट-वास्तविक समय में इंटर-कम्युनिकेट करने में सक्षम बनाता है। संचालन के विभिन्न स्तरों के बीच इस तरह के अंतर-संचार का एक अन्य लाभ हवाई संपत्ति आवंटन और हवाई क्षेत्र प्रबंधन होगा। इन कार्यों को करने के लिए एक मैनपॉवर वाले ‘ऑपरेशन रूम’ पर निर्भर होने के बजाय, एआई सक्षम एमडब्ल्यू सॉफ्टवेयर स्वचालित रूप से ‘हॉट’ (निरंतर अद्यतन) मोड में निर्णय लेनेवाले/मिशन आवंटन प्राधिकरणों को ऐसी जानकारी को ट्रैक, संसाधित और प्रसारित करेगा। निर्णय लेने के लिए गलत इनपुट को पूरी तरह समाप्त करने के लिए डेटा प्रामाणिकता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक पूर्व-आवश्यकता निश्चित रूप से होगी।

JADC2 द्वारा संचालित और MW द्वारा सक्षम एमडीओ का चित्रण: Source- modernbattlespace.com

 

एआई सक्षम निर्णय लेने का चित्रण: स्रोत-सीआरएस 12 अगस्त 21 की रिपोर्ट

अमेरिकी सशस्त्र बलों में JADC2 के बारे में वर्तमान प्रयास क्या हैं?

डीओडी: JADC2 अवधारणा को मान्य करने के लिए, DoD ने कम से कम दो प्रमुख अभ्यासों की अध्यक्षता की है। पहला, दिसंबर 2019 में आयोजित की, एक नकली क्रूज मिसाइल खतरे पर केंद्रित था और यह यूएसएएफ के एडवांस्ड बैटल मैनेजमेंट सिस्टम (एबीएमएस) का पहला प्रदर्शन था। विभिन्न हथियार प्लेटफॉर्म, ग्राउंड सेंसर और वाणिज्यिक उपग्रहों ने वास्तविक समय के परिचालन इनपुट के लिए डेटा को एकत्रित करने, संसाधित करने और प्रसारित करने की क्षमता का प्रदर्शन किया। दूसरा मूल्यांकन जुलाई 2020 में किया गया, जिसमें यूएसएएफ के विमानों को अमेरिकी नौसेना, यूएस स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के घटकों और ब्लैक सी में स्थित अन्य नाटो संपत्तियों के साथ एक कृत्रिम वातावरण में एक प्रतिकूल खतरे का मुकाबला करने के लिए नेटवर्क किया गया था।

ज्वाइंट स्टॉफ: डीओडी के तहत, यूएस ज्वाइंट स्टाफ, ज्वाइंट वॉरफाइटिंग कॉन्सेप्ट के लिए जेएडीसी2 सिद्धांतों और नीतियों के निर्माण के लिए प्रमुख एजेंसी है, और जेएडीसी2 इसका एक महत्वपूर्ण घटक है। संयुक्त स्टाफ ने यूएसएएफ को जेएडीसी2 प्रौद्योगिकी विकास के लिए प्रमुख सेवा के रूप में नामित किया है।

यूएसएएफ: ABMS एक एकीकृत-डोमेन C2 सिस्टम है जो मौजूदा सेंसरों/शूटरों को जोड़ता है और सभी डोमेन को एकत्रित जानकारी वितरित करता है। ABMS आर्किटेक्चर का प्रारंभिक जमीनी परीक्षण हुआ है, जिसमें USAF ने 2020 में सभी सेवाओं में C2 सिस्टम को जोड़ने वाले कई प्रदर्शन किए हैं।

अमेरिकी सेना: अमेरिकी सेना ने एमडीओ के लिए आधुनिकीकरण को प्रमुख माना है । आर्मी फ्यूचर्स कमांड (एएफसी) की 2018 में स्थापना हुई जिसे अमेरिकी सेना की भविष्य की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य माना जाता है। इसी को सेना के लिए जेएडीसी 2 विकसित करने का काम सौंपा गया है। प्रोजेक्ट कन्वर्जेंस नामक एक अभ्यास के रूप में, एएफसी ने बहु-सेवा, एमडी नेटवर्क तक अपने घटकों को पहुंचाने के लिए सेना की क्षमता का प्रदर्शन करने वाले कई प्रयोग भी किये हैं।

अमेरिकी नौसेना: 01 अक्टूबर 2020 को, नौसेना ने अन्य सेवाओं के साथ समुद्री और तटीय संपत्ति को जोड़कर एक एकीकृत C2 नेटवर्क स्थापित करने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट ओवरमैच शुरू करने की घोषणा की। यूएस नेवी ने कहा है कि प्रोजेक्ट ओवरमैच का प्रारंभिक फोकस JADC2 विशेषताओं के साथ कैरियर स्ट्राइक ग्रुप ऑपरेशंस को समर्थन करना होगा। एआई और मानव रहित/मानव रहित टीमिंग (एमयूएमटी) का उपयोग करके एक नया ‘नेवल ऑपरेशनल आर्किटेक्चर’ विकसित करना इसका अंतिम लक्ष्य होगा। (एमयूएमटी को चाणक्य फोरम https://chanakyaforum.com/the-unmanned-wingman/ के एक लेख में विस्तार से वर्णित किया गया है) डिस्ट्रिब्यूटेड मेरिटाइम ऑपरेशंस को सक्षम करने के लिए बिखरी हुई समुद्री संपत्तियों का स्थानीय नियंत्रण किया जायेगा जिससे उत्तरजीविता बढ़ेगी और सामूहिक परिचालन प्रभावी होगा।

निष्कर्ष

आज के अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट युद्ध के माहौल में एमडी ज्वाइंट ऑपरेशंस के लिए क्षमता निर्माण की आवश्यकता और तात्कालिकता पर अधिक जोर नहीं दिया जा सकता, क्योंकि वर्तमान में राष्ट्र आर्थिक नियंत्रण की होड़ पर जोर दे रहे हैं। वैश्विक स्तर पर JADC2 को लागू करने में अमेरिका अग्रणी देश बन सकता है।  भारत जैसे देशों को भी अपने क्षेत्रीय हितों की रक्षा के लिए इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। JADC2 को सही मायनों में और पूरी तरह से सफल होने के लिए, अंतर-सेवा प्रतिद्वंद्विता / कमपरिभाषित C2 संबंधों की पारंपरिक बाधाओं और संचार और सूचना प्रसंस्करण क्षमताओं में कमी को तेजी से और प्रभावी ढंग से दुरुस्त करना होगा।

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लेखक
ब्रिगेडियर अरविंद धनंजयन (सेवानिवृत्त) एक आपरेशनल ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं और एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र के ब्रिगेेडयर प्रभारी रहे हैं। उनका भारतीय प्रशिक्षण दल के सदस्य के रूप में दक्षिण अफ्रीका के बोत्सवाना में विदेश में प्रतिनियुक्ति का अनुभव रहा है और विदेशों में रक्षा बलों विश्वसनीय सलाहकार के रूप में उनका व्यापक अनुभव रहा है। वह हथियार प्रणालियों के तकनीकी पहलुओं और सामरिक इस्तेमाल का व्यापक अनुभव रखते हैं।

अस्वीकरण

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