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क्या केरल भी दूसरा कश्मीर बन रहा है– पर्यटन में नहीं बल्कि आतंकवाद में

कर्नल एस डीन्नी (सेवानिवृत्त)
शुक्र, 30 जुलाई 2021   |   6 मिनट में पढ़ें

30 जून 2021 को श्री लोकनाथ बेहेरा आईपीएस केरल राज्य पुलिस के सबसे लंबी अवधि के लिए पुलिस प्रमुख रहने  के बाद सेवानिवृत्त हुए ! पद से मुक्त होते समय उन्होंने विश्वास पूर्वक कहा कि केरल में शीघ्रता से आतंकवाद पैदा होने के लिए एक आदर्श परिस्थितियां बनती जा रही है ! पुलिस प्रमुख ने अपनी चिंता वहां के शिक्षा तथा व्यवसाय के लिए योग्य  युवाओं में बढ़ते हुए कट्टर पन के बारे में जताई ! उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि केरल मैं आतंकियों के बहुत से स्लीपिंग सेल अपनी गतिविधियां चला रहे हैं ! यही सच है कि केरल विदेशी सहायता पर पनपने वाले आतंकवादियों के लिए अच्छा स्थान बनता जा रहा है ! यह कटु सत्य है इस भगवान की धरती में !

किसी भी जगह पर एक रात में आतंकवाद शुरू नहीं होता ! इसके लिए बहुत से साल कभी-कभी दशक लग जाते हैं !,  इसके लिए आदर्श माहौल बनाने के लिए इस में देखने योग्य तथ्य है कि भारत में सबसे ज्यादा आतंकवाद से प्रभावित जम्मू कश्मीर राज्य में भी सालों की तैयारी के बाद आतंकवाद का गंदा चेहरा पहली बार 1989 दिखाई दिया था ! इसके शुरू होने के पहले योजनाबद्ध तरीके से इसकी मुहिम शुरू की जाती है जिसमें कट्टरपन को बढ़ावा और चारों तरफ प्रचार करना कि यहां की जनता पर अत्याचार हो रहे हैं ! अन्य समुदायों को किनारे पर करना, चुन-चुन कर अपने विरोधियों की हत्या करना, राज्य पुलिस में घुसपैठ और सबसे जरूरी ऐसा विवरण तैयार करना कि यह धर्म विशेष की रक्षा कर रहे हैं !

कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि जम्मू कश्मीर  में आतंकवाद सीमा पार से पाकिस्तान की सहायता के कारण आया था इसलिए केरल की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह सुरक्षित है ! इस समय जब पूरा विश्व एक दूसरे से जुड़ा हुआ है इस स्थिति में केरल में आतंकवाद को मदद के केवल पाकिस्तान से नहीं बल्कि पूरी दुनिया से मिल रही है ! हालांकि केरल अभी 1989 वाली जम्मू कश्मीर  जैसी स्थिति में नहीं पहुंचा है परंतु यहां पर इसकी गतिविधियों को अनदेखा भी नहीं किया जा सकता !

सबसे महत्वपूर्ण है कि  जम्मू कश्मीर से अलग यहां पर वामपंथी और धार्मिक कट्टरपंथ से बने आतंकी मौजूद है ! अभी तक राज्य में आतंकवाद के 100 केस प्रकाश में आए हैं, राज्य में बहुत से छोटे धमाके तथा आईडी का प्रयोग भी देखा गया है ! इसलिए राज्य में केवल आतंकवाद  के संबंध में 142 गिरफ्तारियां हो चुकी है ! पिछले समय की कुछ आतंकी घटनाओं के विश्लेषण से इसकी सही जानकारी प्राप्त हो सकती है ! 2007 में निशानेबाजी पेट्रोल बम तैयार करने और साइकिल दौड़ जैसी  गतिविधियों का आयोजन बागामोहन   ( ईदुक्की कोट्टायम )  मैं किया गया था इसमें प्रतिबंधित सिमी के 18 मेंबर शामिल थे !

2008 में अल्ताफ अहमद हिज्बुल मुजाहिदीन का आतंकवादी केरल में कुमिली ( इडुक्की ) से गिरफ्तार किया गया था ! उसने केरल में पासपोर्ट के लिए भी आवेदन किया था ! दूसरा संदिग्ध आतंकवादी यहीं से पकड़ा गया था जो केरल के युवाओं को जम्मू कश्मीर के  आतंकवादी संगठनों के लिए भर्ती कर रहा था ! उसी साल दो युवक जिन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया था यह नियंत्रण रेखा को पार कर घुसपैठ करते हुए मारे गए थे ! बेंगलुरु के सिलसिलेवार बम धमाकों मैं भी केरल के ही युवक पकड़े गए थे !

न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर डी जे जोसेफ पर 4 जुलाई 2010 को हमला हुआ था जिसमें उनके हाथ बीकॉम सेकंड ईयर  का पेपर मलयालम में सेट करते हुए काट लिए गए थे! इन पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के मेंबरों ने आरोप लगाया था कि यह इस्लाम की निंदा कर रहे थे !

2011 में ऐसी सूचना है कि सिम्मी तथा माओवादी समूह के कार्यकर्ताओं ने समन्वय मीटिंग की ! 2012 में राष्ट्रीय जांच संस्था को केरल में नकली नोट छापने वाले एक  गिरोह की सूचना मिली थी  !       राष्ट्रीय जांच संस्था की दक्षिण क्षेत्र की मीटिंग में 11 अगस्त 2012 को सूचित किया गया था कि इस समय केरल देश में इस्लामिक आतंकी गतिविधियों का फाउंटेन हेड बना हुआ है !

2013 में जब यासीन भटकल एक कुख्यात इंडियन मुजाहिदीन का आतंकी पकड़ा गया था तो उसने स्वीकार किया था कि उसके उत्तरी केरल में 107 सक्रिय ऑपरेटिव से संबंध है ! 2014 में बड़े पैमाने पर राज्य में विस्फोटकों को जमा करने  की सूचना उस समय मिली जब 200 किलोग्राम विस्फोटक केरल के बेलाराडा गांव जो त्रिवेंद्रम के पास है से बरामद हुए था !

2015 में केरल के चार युवकों कोसंयुक्त अमीरात  से इसलिए निकाला गया था, क्योंकि यह आईएसआईएस के समर्थक थे ! इसकी पुष्टि हो चुकी है कि 22 लोग जिनमें 6 स्त्रियां तीन छोटे बच्चे भी थे यह सब भारत से आईएसआईएस में शामिल होने के लिए छोटे-छोटे दलों में जा चुके हैं ! कट्टरपंथी  यासमीन जम्मू कश्मीर के  एक स्कूल शिक्षक को दिल्ली में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह काबुल के लिए जा रहा था ! अधिकारिक सूचना मिली है कि जाली नोटों का देश में चलन 2014 के मुकाबले 2015 में 360% बढ़ गया है !

कासरगोड और पालघाट जिलों  से 2016 से इसी प्रकार की गतिविधियों में लिप्त 21 लोग गायब हो चुके हैं ! जिनमें एक डॉक्टर उसकी पत्नी और तीन छोटे बच्चे भी थे ! इस ग्रुप में और भी मेडिकल से  और इंजीनियरिंग व्यवसाय से संबंधित लोग थे ! इस साल भी एक कम शक्ति के बम का विस्फोट कोल्लम सिविल सचिवालय में तथा मालापुरम में देखा गया है ! राष्ट्रीय जांच संस्था  ने कन्नूर जिले की कनकआमला पहाड़ी पर  आई एस के माड्यूल खत्म किया था ! यह ग्रुप हमले करने की योजना बना रहा था जिसमें अकेले आदमी के द्वारा हमले भी शामिल थे !

2017 में कासरगोड में एक गली का नाम गाजा रखा गया है ! यह पादआने गांव के नजदीक है जहां से बहुत से युवक 2016 में गायब हो चुके हैं, जिनका बाद में पता चला कि यह आईएस में सीरिया में शामिल हो चुके हैं ! इस साल भी सूचना आई है कि 10 मलयाली युवक सीरिया में मारे जा चुके हैं !

कुछ आईएस समर्थकों को 2018 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब यह सीरिया के लिए भागने की कोशिश कर रहे थे ! 16 अप्रैल 2018 को केरल के उत्तर के कुछ चयनित जिलों में अजीब  तरह  का बंद देखने में आया ! एक अघोषित शीघ्रता से हड़ताल का आयोजन किया गया  जिसे व्हाट्सएप हड़ताल का नाम दिया गया था ! इसमें जम्मू कश्मीर  के कठुआ में एक 8 साल की नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार एवं हत्या के लिए इंसाफ की मांग की गई थी ! सांप्रदायिक हड़ताल के कारण केरल के ज्यादातर उत्तरी जिलों में भारी हिंसा देखी गई थी ! बाद में बंद का समर्थन करने वाली भीड़ ने  जनता की तथा व्यक्तिगत बहुत सी संपत्ति को बर्बाद किया था ! जिसके कारण आम जनता में भय व्याप्त हो गया ! इस व्हाट्सएप हड़ताल का उद्देश पूरे राज्य में सांप्रदायिक दंगे भड़काना था !

मार्च 2019 में एक संदेह आत्मक माओवादी नेता सीपी जलील केरल पुलिस द्वारा मारा गया था ! इसके अलावा तीन और संदेह आत्मक माओवादी  को राज्य पुलिस ने 2019 में समाप्त किया था ! वायनाड के कल्पेट्टा के पालगार्ड जंगल में अलंद सोहेब तथा तबाह फजल को माओवादियों से  संबंध रखने के कारण गिरफ्तार किया गया था ! राज्य के आंतरिक भागो से माओवाद के पेपर और पंपलेट बांटने की घटनाओं के सूचना मिल रही है !

3 नवंबर 2020 को एक संदेह आत्मक माओवादी आतंकी वानामाला आदिवासी गांव में केरल पुलिस के तलाशी अभियान में मारा गया था ! 13 नवंबर 2020 में कुटियाडी के पास काकुनी की मस्जिद  के आसपास पुलिस को स्टील के पांच बम बरामद हुए थे जिन्हें यहां पर फेंक दिया गया था !

 इन आतंकी हरकतों के अलावा आजकल केरल में अजीब तरह  की चुनौतियां देखी जा रही है ! यह एक ऐसा आदर्श राज्य बन गया है जहां पर बहू अपराध एक आम बात बन गई है ! यहां बहुत से अपराध ना दिखाई देते हैं और इनके सारे आपराधिक तंत्र एक दूसरे से जुड़े हुए हैं ! इन  अपराधिक गतिविधियो को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके पीछे यह अपराधी छुपे रहते हैं !

पिछले कुछ महीनों में केरल  मैं सोने और नशीली दवाओं की तस्करी के मामलों में बहुत बड़ा उछाला देखा गया है ! 5 जुलाई 2020 को ही सोने की तस्करी के मामले में कस्टम अधिकारियों ने त्रिवेंद्ररम  हवाई अड्डे पर 30 किलोग्राम सोना बरामद किया, जिसकी कीमत 14. 2 करोड  है ! यह सोना एक  डिप्लोमेटिक बैग से बरामद किया गया था जिसे संयुक्तराष्ट्र अमीरात काउंसलेट में पहुंचाया जाना था ! इस बहू अपराध के विस्तार को इस तथ्य से आ जा सकता है कि राज्य के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव को इसी प्रकार के एक अपराध में लिप्त पाया गया था !

आजकल केरल में ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब सोने की तस्करी में लिप्त तस्कर जांच एजेंसी द्वारा नहीं पकड़े जाते ! आर्थिक वर्ष 2018–19 में कस्टम विभाग ने केरल के विभिन्न हवाई अड्डों से 251 किलोग्राम सोना पकड़ा था ! वास्तव में नशीली दवाओं और सोने की तस्करी के मामले और भी ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि जो  एजेंसियों द्वारा केवल  कुछ गिने-चुने केस ही पकड़े गए हैं ! केरल में तस्करों, हिंसक माफिया और पॉलीटिकल लीडर्स का गठजोड़ यहां की शांति और समाज के विकास  के लिए एक चुनौती के रूप में उभरा है !

इसलिए इन सब से साफ हो जाता है कि केरल पूरे आतंकवाद के खतरनाक रास्ते पर चल रहा है ! यह सत्य है की केंद्र की अन्य सुरक्षा संस्थाओं के साथ राज्य में केरल पुलिस आतंकवाद को रोकने के लिए सक्रिय है ! इसके लिए उसने कट्टरपन के विरुद्ध अभियान छेड़ा है ! परंतु इसमें ज्यादा जरूरी है कि इस खतरे के बारे में केरल की जनता स्वयं सावधान होकर  इसको रोकने में सहयोग करें ! उदासीनता वाली मानसिकता समस्या को नहीं सुलझा सकती !

80 के दशक  के आखिर में केरल राज्य पूरी तरह 100% साक्षरता की श्रेणी में आ गया है जिसमें स्कूलों के ब्लैक बोर्ड पर लिखे को पढ़कर वे साक्षर  बने परंतु अब उन्हें दीवारों पर लिखे को पढ़कर इस आतंकवाद के खतरे के बारे में सूचित हो कर इसे रोकना है !


लेखक
कर्नल एस डीन्नी (सेवानिवृत्त) के पास जम्मू और कश्मीर और उत्तर-पूर्व में आतंकवाद विरोधी अभियानों में पांच परिचालन कार्यकाल हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से आतंकवाद विरोधी अभियानों पर एमफिल के लिए अपना शोध किया है। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में फैकल्टी थे। वर्तमान में, वे चाणक्य मंच के संपादक हैं। उनका ट्विटर हैंडल @sdinny14 है।

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POST COMMENTS (2)

सुनील कुमार नेगी

अगस्त 20, 2021
यह सच्चाई से मुंह मोडकर खुशफहमी के ख्याली दुनिया में जीने जैसा है। यह अनेक बार सिद्ध हो चुका है कि केरल से कश्मीर, सीरिया, अफगानिस्तान आदि देशों में इसलामिक जिहाद के लिए कई युवा गए हैं। अब भी अगर इस विषय पर संजीदगी से गंभीर कार्रवाई नहीं की गई तो देश को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। कर्म से ही कार्य सिद्ध होता है मनोरथ से नहीं, अतः अविलम्ब कारवाई ही समय व परिस्थिति की मांग है।

Vishva Deepak Tripathi

अगस्त 15, 2021
" God's own country " .Here I found the word " country" very dangerous.

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