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चीन और आसियान : 30 वर्षों की कामयाबी

गुरजीत सिंह (राजदूत)
सोम, 25 अक्टूबर 2021   |   8 मिनट में पढ़ें

चीन-आसियान संबंधों के 30वें वर्ष में साझेदारी बढ़ाने के लिए चीन अपनी आर्थिक क्षमताओं का उपयोग कर रहा है।1 यह ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (सीपीटीपीपी) के व्यापक और प्रगतिशील समझौते को चुनौती देते हुए क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीइपी)2 के  मुख्य स्थान को हासिल करने के लिए काम कर रहा है, जिसे मूल रूप से इसे बाहर रखने के लिए बनाया गया था, परंतु  इसे बाहर करने के बजाय अमेरिका इससे अलग हो गया।    असियान के साथ संबंध बनाना चीन की नीति को दर्शाता है। उनके अनुसार, “एशिया वह जगह है जहाँ चीन को अपनी प्रतिष्ठा या “सत्ता के लिए इज्जत” बनानी होगी “।3

सीपीटीपीपी के लिए चीन का आवेदन,  सिंगापुर की अध्यक्षता में विचार के लिए  2022 में आएगा।  आसियान  के चार सदस्य देश  : सिंगापुर, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई चीन के प्रवेश के  समर्थन  का आधार हैं।4

चीन-आसियान संबंधों में पिछले तीस सालों की हुई  बढ़ोत्तरी पर एक नज़र डालना   जरूरी है। उनके बीच व्यापार 8 अरब डॉलर से बढ़कर 680 अरब डॉलर हो गया है। यह 80 गुना वृद्धि थी। 2009 के बाद से चीन आसियान का बड़ा व्यापारिक भागीदार है। महामारी के दौरान यह सबसे बड़ी भागीदारी बन गयी। 2021 के पहले छ महीनों में उनके व्यापार में 48% की वृद्धि हुई। आसियान देशों के साथ 140 अरब डॉलर का व्यापार चीन के वैश्विक व्यापार का 15% है। वियतनाम और इंडोनेशिया से चीन के आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो बढ़ती हुई क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखलाओं को दर्शाता है। इलेक्ट्रॉनिक्स, विशेष रूप से एकीकृत सर्किट ने इस वृद्धि में अपना योगदान दिया। चीन ने 2020 में 14.9 अरब डॉलर के आईसी का आयात किया।5

चीन का आसियान में एफडीआई निवेश 2010 में 3.6 बिलियन डॉलर था, जो 2019 में बढ़ कर 9.1 बिलियन डॉलर हो गया। यह 185 प्रतिशत वृद्धि थी। जो आसियान में एफडीआई प्रवाह का 5.7% है। 2019 में, चीन अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ के बाद चीन आसियान में एफडीआई निवेश का चौथा सबसे बड़ा स्रोत था।6

महामारी से पहले आपसी आदान- प्रदान 65 मिलियन पार कर चुका  था, जब चीन और आसियान देशों के बीच लगभग 4500 साप्ताहिक उड़ानें थीं। लगभग 200 आसियान शहरों का चीन के शहरों के साथ सिस्टर-सिटी लिंकेज है।  इस एक्सचेंज में 200,000 छात्र  शामिल थे । 2017 को आसियान-चीन पर्यटन सहयोग वर्ष के रूप में  देखा गया। वर्ष 2018 आसियान- चीन  द्वारा 4.0 औद्योगिक क्रांति  में सहयोग की पहल का वर्ष था। इलेक्ट्रॉनिक्स, विशेष रूप से एकीकृत सर्किट, ने इस वृद्धि में बहुत योगदान दिया। चीन ने 2020 में 14.9 अरब डॉलर के आईसी का आयात किया।

आसियान में चीन की एफडीआई वर्ष 2010 में 3.6 बिलियन डॉलर से 185% बढ़कर 2019 में 9.1 बिलियन डॉलर हो गयी। यह आसियान में एफडीआई के प्रवाह का 5.7% है। 2019 में, चीन अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ के बाद आसियान के भागीदारों के बीच एफडीआई का चौथा सबसे बड़ा स्रोत था।

महामारी से पहले आपसी आवाजाही 65 मिलियन की संख्या पार कर चुकी थी। उस समय चीन और आसियान देशों के बीच लगभग 4,500 साप्ताहिक उड़ानें थीं। लगभग 200 आसियान शहरों का चीन के शहरों के साथ सिस्टर-सिटी लिंकेज है। इस एक्सचेंज में  लगभग 200,000 छात्र शामिल थे। 2017 को आसियान-चीन के पर्यटन सहयोग के वर्ष के रूप में नामित किया गया था। वर्ष 2018  आसियान- चीन की 4.0 औद्योगिक  क्रांति में सहयोग बढ़ाने की पहल का वर्ष था। 2019  आसियान-चीन के मीडिया एक्सचेंजों का साल रहा। डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास, एआई, बड़े डेटा, स्मार्ट शहरों को बढ़ावा देने के साथ-साथ कोविड-19 के प्रकोप को कम करने में डिजिटल तकनीकी अनुभव को  साझा करने के लिए 2020 को  आसियान – चीन के डिजिटल सहयोग के वर्ष के रूप में नामित किया गया।7

आसियान के प्रति चीन की नीति को वर्तमान महामारी के बाद की दुनिया के लिए काम करने के रूप में देखा जा सकता है।  ‘सक्रिय सहयोग और गठबंधन’ तथा ‘परिधिगत कूटनीति’  उसकी मुख्य नीति बन गए। निश्चित रूप से दुनिया इस समय इंडो-पैसिफिक, विशेष रूप से आसियान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस संबंध में क्वाड समिट का संयुक्त वक्तव्य स्पष्ट है।8 चीनी संगठित तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। लक्ष्य प्राप्ति के लिए उन्होंने बड़े पैमाने पर पांच प्रयास किये।

आसियान को प्राथमिकता

चीन की विदेश नीति में आसियान उनकी प्राथमिकता है। इसे बनाए रखने के लिए चीन निवेश, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) परियोजनाओं और आसियान के साथ  व्यापार को बढ़ावा दे रहा है। चीन का मानना ​​है कि चीन-आसियान साझेदारी स्थिरता की ताकत है। आसियान को प्राथमिकता देते हुए, चीन उन पर यह प्रभाव डालने की कोशिश रहा है कि उसका सहयोग व्यावहारिक और आसियान देशों के हित में है।

चीन कम्युनिस्ट पार्टी स्थापना की शताब्दी के अवसर का उपयोग अपने बाजारों को खोलकर और आसियान को आर्थिक मदद देकर एक बेहतर विकास मैट्रिक्स बनाने में  प्रमुखता हासिल करने के लिए कर रहा है।

30वीं वर्षगांठ के अवसर पर हुई बैठक में, चीन ने एक नई चीन-आसियान रणनीतिक साझेदारी  करने का आह्वान किया, जो आने वाले तीन दशकों पर ध्यान देगी।9 चीन का उद्देश्य आसियान देशों को चीन-आसियान संबंधों की एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने के लिए राजी करना है।  जिससे  वह बीआरआई, सीओसी और चीन के साथ उनकी 50 से अधिक साझेदारियों से आसियान को एक मजबूत मैट्रिक्स में शामिल कर सके। समस्या यह है कि जहां चीन समावेशी दृष्टिकोण रखने की बात करता है, वहीं दूसरों के लिए उसके दृष्टिकोण अलग हैं। यह आसियान पर निर्भर करता है कि वह चीन को क्षेत्रीय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और भविष्य का निर्धारक बनाने के बजाय इस क्षेत्र के खुलेपन को बनाए रखे। आसियान को अक्सर चीनी आधिपत्य की चुनौतियों से एलर्जी रही है, क्योंकि  इससे मौजूदा ‘स्थिरता’ गड़बड़ा जायेगी।

बीआरआईएमपीएसी  में तालमेल

चीन बीआरआई और आसियान कनेक्टिविटी 2025 (एमपीएसी) मास्टर प्लान पर आपसी सहमति बंनाने पर जोर दे रहा है। यह 3 नवंबर 2019 के 22वें आसियान-चीन शिखर सम्मेलन में बनाया गया था।10

अगस्त 2021 के बीआरआई शिखर सम्मेलन में, आसियान के मंत्रियों ने कहा कि बीआरआई को अपनी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए।11 और जिन परियोजना की चर्चाओं में बहुत अधिक समय लगता है वहाँ उन्होंने बीआरआई से ज्यादा सहयोग करने की मांग की।12 आसियान देशों में चीन की लगभग 50 परियोजनाएं हैं; सभी एमपीएसी के साथ मेल नहीं खाती। आसियान देश कुछ परियोजनाओं, विशेष रूप से प्राकृतिक संसाधनों से संबंधित परियोजनाओं में ,चीन का एकतरफा हित अधिक देखते हैं।13 अधिकांश आसियान देशों के लिए बीआरआई फंडिंग एक प्रमुख आकर्षण है,  जिससे बुनियादी ढांचे के विकास  में लाभ दिखायी देता है।14 95% बीआरआई परियोजनाएं इसका समर्थन करती हैं। हालांकि  आसियान के बुनियादी ढांचे में जापान ने अधिक निवेश किया15 परंतु जापान-अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया16 की पहल वास्तव में सफल नहीं हुई।

साझेदारी की भावना

इसका तीसरा चरण बड़ी चुनौतियों का संयुक्त रूप से सामना करना है। कोविड- 19  महामारी से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन सहायता इसका नवीनतम उद्धाहरण है । चीन  आसियान को वर्षों से इस तरह की सहायता देता आ रहा  है, जिसमें सूनामी, सार्स और वित्तीय संकट की स्थितियों में सहायता भी शामिल हैं। आसियान  देशों का मानना ​​​​है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में चीन की प्रभावी भागीदारी रही है और वह एक विश्वसनीय मित्र है।

एक ऐसे क्षेत्र  में इस तरह का स्पष्ट विश्वास प्राप्त करना चीन के लिए एक बड़ा लाभ है, जहां उसने उस क्षेत्र के साथ साथ कई समुद्री संसाधनों को भी हथिया लिया है।17 चीन का कहना है कि ‘आसियान का क्षेत्रीय सहयोग ढांचा पूर्वी एशिया की परंपरा और उनकी वास्तविक जरूरतों के अनुरूप है। यह अपने संबंधों  के लिए एशियाई मूल्यों (लोकतंत्र के बजाय?) को स्वीकार करता है। जो थाईलैंड और म्यांमार में तख्तापलट की अनुमति देता है। आसियान इनके द्वारा घरेलू राजनीति में घुसपैठ ना करने के व्यवाहर से खुश नजर आ रहा है। इसके लिए वे अक्सर आर्थिक प्रभावों में लचीलेपन को बनाए रखने और  अदृश्य   कर्जो को बढ़ाने   के लिए तैयार रहते हैं।

व्यापार और निवेश  में लाभ

इससे जुड़ी हुई एक धारणा यह है कि चीन और आसियान के बीच ‘पारस्परिक लाभ’ का संबंध  है। आसियान का मानना ​​है कि चीन-आसियान के बीच एफटीए और उभरते आरसीईपी से उन्हें फायदा होगा। उन्हें भारत जैसी कोई आशंका नहीं है। आसियान और चीन ने 2002 में एफट पर हस्ताक्षर किए (जनवरी 2010 में लागू)। उन्होंने नवंबर में एसीएफटीए को अपग्रेड किया।18

इस प्रकार चीन ने आसियान के साथ एक बड़ा एफटीए  स्थापित किया है और मूल्य श्रृंखलाओं के लिए  अपने संबंधों को विकसित किया हैं, जो अमेरिका और यूरोप के साथ  प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। आज आसियान देश चीन की मूल्य श्रृंखला से संबंधित एफडीआई और क्वाड भागीदारी के  प्रयासों  के प्रति भी आकर्षित  हो रहे हैं। चीन, आसियान और इस क्षेत्र के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग की सबसे बड़ी भागीदारी का आधार है। चीन आसियान से  क्षेत्रीय उत्पादन  के जिन आधारों की  उम्मीद करता है ,उनमें टीकों के  संयुक्त उत्पादन का आधार भी शामिल है।19

चीन  ने आसियान व्यापक रिकवरी फ्रेमवर्क पर अपना ध्यान केंद्रित  किया है और साथ ही यह  डिजिटल अर्थव्यवस्था  में सहयोग की  कार्य योजना और चीन-आसियान डिजिटल सुरक्षा  के लिए 5जी और  अपने  अन्य उद्देश्यों के लिए  भी काम कर रहा  है। चीन  आसियान  देशों को अपनी डिजिटल तकनीकों के प्रमुख बाजार के रूप में रखना चाहता है। क्वाड  की इसे चुनौती देने की इच्छा  है, लेकिन चीन इसमें काफी आगे है।

आपसी सम्मान  का विकास

पाँचवे पहलू के अनुसार चीन की धारणा है कि  उनके विचार क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने की साझा उम्मीद को दर्शाते हैं। यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि चीन के सीओसी पर वर्षों  से अपने  पैर पसारने के बावजूद, आसियान बड़े पैमाने पर इसे आकर्षक मानता है और किसी भी स्तर पर निराशा व्यक्त करने के बजाय वे आशांवित रहते हैं।

यह निश्चय ही  हैरान करने वाला है कि चीन  द्वारा कई आसियान सदस्यों  के द्वीप क्षेत्रों  पर कब्जा कर लेने और  बचे खुचे क्षेत्रों में आईयूयू  से पीड़ित होने के बावजूद, उन्हे अभी भी चीन से उम्मीदें हैं।

सीओसी की चर्चाएं जितनी अधिक लंबी होगी, आसियान उतना ही अधिक संतुष्ट दिखाई देगा। इसकी तुलना भारत-चीन सीमा वार्ता से करें।

दूसरी ओर,  जहाँ  चीन,  भारत-प्रशांत, क्वाड और अन्य  नीतियों की आलोचना करता है, आसियान आईपी के अपने दृष्टिकोण में सौम्य है। आसियान नीति लागू होने के बाद वांग यी ने 2019 में, मीडिया को बताया कि यह क्षेत्रीय सहयोग का एक हिस्सा है और ‘आसियान के मुख्य  स्थान को बनाये रखना’ है।20 चीन का इरादा आसियान को लुभाने और आसियान देशों के दूसरे भागीदारों की ‘एकतरफा कार्रवाई’ से बचने के लिए  सीओसी का विश्वास  कायम रखना है।

निस्संदेह, क्वाड ने महसूस किया कि आसियान को अपने एफओआईपी के प्रति आकर्षित करना जरूरी है और भले ही आसियान बहुत कुछ नहीं करता, लेकिन इसको प्रमुखता देकर सम्मान देने की आवश्यकता है। यह एकमात्र तरीका है जिससे क्वाड आसियान की ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ के चक्रव्यूह  से बाहर निकलने का रास्ता खोज सकता है। ऊपर दिए गए विश्लेषण से पता चलता है कि चीन आसियान की प्रमुखता बनाये रखने और दूसरों से अपनी स्वायत्तता का समर्थन करवाने में कितना आगे है।

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[1] Gurjit Singh, China and ASEAN at 30, Chanakya Forum, 3 October 2021, https://chanakyaforum.com/china-and-asean-at-30/

 

[1] Kripa Anand, China-led RCEP to change global order? ORF, 27 April 2021, https://www.orfonline.org/expert-speak/china-led-rcep-to-change-global-order/

 

[1] Yuen Foong Khong, “Power as prestige in world politics,” International Affairs 95 (1) January 2019; quoted  in Xue Gong, “Non-traditional security cooperation between China and South East Asia: Implications for Indo-Pacific geopolitics,International Affairs (special issue), 96 (1) January 2020, p 32

[1] Gurjit Singh, China steps up its trade strategy in the Indo-Pacific, Hindu Business Line, 30 September 2021, China steps up its trade strategy in the Indo-Pacific

 

[1] Ayman Falak Medina ,ASEAN Overtakes EU to Become China’s Top Trading Partner in Q1 2020, ASEAN Briefing, 15 May 2020, https://www.aseanbriefing.com/news/asean-overtakes-eu-become-chinas-top-trading-partner-q1-2020/

 

[1] Overview of ASEAN-China Dialogue Relations, ASEAN Secretariat Information Paper

August 2021, https://asean.org/wp-content/uploads/2021/08/Overview-of-ASEAN-China-Dialogue-Relations-August-2021.pdf para 16

 

[1] Ibid various paras

[1] Gurjit Singh, Quad takeaways to boost India’s capabilities, Tribune, 29 September, https://www.tribuneindia.com/news/comment/quad-takeaways-to-boost-indias-capabilities-317584

 

[1] Wang Yi Attends Special ASEAN-China Foreign Ministers’ Meeting in Celebration of the 30th Anniversary of Dialogue Relations, fmprc, 7 June 2021, https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/zxxx_662805/t1882097.shtml

 

[1] Overview of ASEAN-China Dialogue Relations, ASEAN Secretariat Information Paper

August 2021, https://asean.org/wp-content/uploads/2021/08/Overview-of-ASEAN-China-Dialogue-Relations-August-2021.pdf para 19

[1] CK Tan, ASEAN needs more Belt and Road money, say ministers, Nikkei Asia,1 September 2021, https://asia.nikkei.com/Spotlight/Belt-and-Road/ASEAN-needs-more-Belt-and-Road-money-say-ministers

 

[1] ‘BRI Projects’, Belt and Road Initiative, n.d., https://www.beltroad-initiative.com/projects/

[1] The Belt and Road Initiative in ASEAN, HKUST Institute for Emerging Market Studies (IEMS), 31 December 2020, https://www.arx.cfa/en/research/2021/04/soc050421-the-belt-and-road-initiative-in-ASEAN

 

[1] Samantha Custer et al, Ties That Bind: Quantifying China’s public diplomacy and its “good neighbor” effect, 15. AIDDATA, CSIS/China Power, Asia Policy Institute. Department of State, USA, June 2018.

 

[1] Panos Mourdoukoutas, Japan, Not China, Is The Biggest Investor In Southeast Asia’s Infrastructure, Forbes, 26 June 2019, https://www.forbes.com/sites/panosmourdoukoutas/2019/06/26/japan-beats-china-in-the-philippines-singapore-and-vietnam/?sh=3808a5ed39d8

 

[1] US, Japan, Australia Reaffirm Commitment to Indo-Pacific Infrastructure Development, The Department of Foreign Affairs and Trade (DFAT), 25 June 2019, https://www.dfat.gov.au/news/media/Pages/us-japan-australia-reaffirm-commitment-to-indo-pacific-infrastructure-development

 

[1] Wang Yi Attends Special ASEAN-China Foreign Ministers’ Meeting in Celebration of the 30th Anniversary of Dialogue Relations, fmprc, 7 June 2021, https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/zxxx_662805/t1882097.shtml

 

[1] Overview of ASEAN-China Dialogue Relations, ASEAN Secretariat Information Paper

August 2021, https://asean.org/wp-content/uploads/2021/08/Overview-of-ASEAN-China-Dialogue-Relations-August-2021.pdf

[1] Laura Zhou, Southeast Asia a priority for Chinese vaccines as Delta fuels surge in Covid-19 cases, Vice-President Wang Qishan says, SCMP, 10 September 2021, https://www.scmp.com/news/china/diplomacy/article/3148306/southeast-asia-priority-chinese-vaccines-delta-fuels-surge

 

[1] Wang Yi Talks about Indo-Pacific Concept, fmprc, 31 July 2019, https://www.fmprc.gov.cn/mfa_eng/zxxx_662805/t1685652.shtml

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लेखक
राजदूत गुरजीत सिंह 37 वर्षों तक भारतीय राजनयिक रहे। वह जर्मनी, इंडोनेशिया, तिमोर-लेस्ते और आसियान और इथियोपिया, जिबूती और अफ्रीकी संघ में भारत के राजदूत रहे हैं, इसके अलावा जापान, श्रीलंका, केन्या और इटली में असाइनमेंट पर रहे हैं। वह पहले 2 भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलनों के लिए शेरपा थे और भारत और इथियोपिया पर उनकी पुस्तक 'द इंजेरा एंड द परांथा' को खूब सराहा गया था। उन्होंने जापान, इंडोनेशिया और जर्मनी के साथ भारत के संबंधों पर किताबें भी लिखी हैं।

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