• 05 November, 2024
Foreign Affairs, Geopolitics & National Security
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Indo-Pak War 1947-48

दुश्मन के गोले-शोले डिगा न सके मेजर राम के हौसले

दादा-दादी और माता-पिता की जुबानी बचपन से वीरों की कहानियाँ सुनने वाले देश के सपूतों ने हर दौर में वीरता की नयी गाथाएँ लिखी हैं। जब-जब बात देश की आन,…

कर्नल शिवदान सिंह

तंगहार चोटी की रक्षा को चट्टान बने थे नायक जदुनाथ

अक्टूबर 1947 में कश्मीर पर हमला करने के साथ-साथ पाकिस्तानी हमलावरों ने जम्मू से पुंछ के क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर घुसपैठ कर ली थी। इसी के चलते पाकिस्तानियों…

कर्नल शिवदान सिंह

मातृ भूमि का शीश बचाने को मेजर सोमनाथ ने दी आहुति

अगस्त 1947 में भारत आज़ाद हुआ। उसी समय भारत का बंटवारा भी हुआ, जिसमें 14 अगस्त को भारत के एक हिस्से को पाकिस्तान के रूप में अंग्रेजी सरकार ने मान्यता…

कर्नल शिवदान सिंह

चाणक्य फोरम का नया स्तंभ : विजय या वीरगति

आज के युग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामरिक और रणनीतिक क्षेत्र में काफी उथल-पुथल मची हुई है जिसके परिणाम स्वरूप नए-नए गठबंधन जैसे क्वाड, ऑकस इत्यादि गठित हो रहे हैं।…

कर्नल शिवदान सिंह

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