• 25 April, 2024
Geopolitics & National Security
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विजय या वीरगति

भारतीय ‘गार्ड’ अल्‍बर्ट एक्‍का के प्रहार से ध्‍वस्‍त हुआ पाकिस्‍तानी किला

स्‍वयं से पहले देश, यही भारतीय सेना के हर जवान की पहली और आखिरी पहचान है। और देश की रक्षा के दौरान खुद से पहले अपने साथी की जान की…

कर्नल शिवदान सिंह

रेजांगला की चोटियों पर आज भी गूंजती है मेजर शैतान सिंह की हुंकार

1962 के युद्ध से कुछ समय पहले ही 13 कुमाऊं इन्‍फैंट्री बटालियन लद्दाख के चुशूल क्षेत्र में  भेजी गई, जहां पर इस बटालियन को रेजांगला की पहाड़ियों के आस-पास के…

कर्नल शिवदान सिंह

जोगिंदर सिंह के आगे फीकी पड़ी चीनी हमलों की ‘लहर’

1962 के भारत चीन युद्ध में उत्तर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लगने वाली भारत-चीन सीमा पर तवांग जाने वाले रास्ते पर सूबेदार जोगिंदर सिंह 1 सिख इन्फेंट्री बटालियन के…

कर्नल शिवदान सिंह

यूएन कांगो आपरेशन में कैप्‍टन गुरबचन ने उड़ाए विद्रोहियों के होश

 भारतीय वीरों की शौर्य गाथा देश की सीमाओं के बाहर भी सम्‍मान से सुनी और सुनाई जाती हैं। आजादी के पहले अंग्रेजी हुकूमत में भारतीय वीरों ने जिन-जिन देशों में…

कर्नल शिवदान सिंह

तिथवाल के रक्षक लांस नायक करम सिंह से पस्‍त हुई पाकिस्‍तानी सेना

आजाद भारत तरक्‍की के दो कदम चलता, इससे पहले ही नापाक पड़ोसी ने दुश्‍मनी के बीज बोने शुरू कर दिए। पाकिस्‍तान अपने नागरिको को रोटी, कपड़ा और मकान देने की…

कर्नल शिवदान सिंह

फाजिलका का कवच बने थे मेजर नारायण सिंह

वीर वह है जो हमलावर दुश्मन की आंखों में देखकर कह सकता है कि तू दुष्ट है और तेरा युद्ध का मकसद भी गलत है। भारतीय सेना के 4 जाट…

कर्नल शिवदान सिंह

कंटूर बचाने को दुश्मन से सीधे भिड़ गए थे पीरू सिंह

कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तिथवाल में 8 जुलाई 1948 को पाकिस्तानी हमलावरों ने यहां की एक महत्वपूर्ण पहाड़ी रिंग कंटूर पर कब्जा कर लिया था। इस मुश्किल पहाड़ी पर…

कर्नल शिवदान सिंह

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