महाशक्तियों की महत्वाकांक्षाएं असीमित होती हैं। स्वाभाविक है कि वे आपस में टकराएंगी। ऐसे टकराव कभी कम तीव्रता वाले होते हैं तो कभी बहुत अधिक। युद्ध, विश्व युद्ध अथवा शीतयुद्ध…