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तालिबान की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए अमेरिका कर रहा पाकिस्तान से बात : पेंटागन


मंगल, 10 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 10 अगस्त (भाषा) अमेरिका ने पाकिस्तान के नेतृत्व से अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के पास तालिबान आतंकियों की पनाहगाहों को खत्म करने के लिए कदम उठाने को कहा है क्योंकि इन सुरक्षित ठिकानों से अफगानिस्तान में और ज्यादा असुरक्षा और अस्थिरता पैदा हो रही है। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने यह जानकारी दी।

अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ सोमवार को फोन पर बातचीत की। पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने दोनों के बीच फोन पर हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए बताया, ‘‘रक्षा मंत्री ऑस्टिन और जनरल बाजवा ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता तथा द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर व्यापक रूप से चर्चा की।’’

उन्होंने बताया कि ऑस्टिन ने बाजवा के साथ क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के परस्पर लक्ष्यों पर भी चर्चा की। किर्बी के मुताबिक, ‘‘बातचीत के दौरान ऑस्टिन ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार जारी रखने की बात कही।’’

एक सवाल पर पेंटागन के प्रेस सचिव ने कहा, ‘‘हमें इस बात का ध्यान है कि ऐसी पनाहगाह अफगानिस्तान के भीतर असुरक्षा और अस्थिरता को और बढ़ा रही हैं। हम पाकिस्तानी नेताओं के साथ इस बारे में चर्चा करने से हिचकिचाते नहीं हैं।’’ किर्बी ने कहा, ‘‘हमें इस बात का भी ध्यान है कि पाकिस्तानी लोग भी इन क्षेत्रों में आतंकी गतिविधियों के शिकार होते हैं। इसलिए हमारा मानना है कि ऐसी पनाहगाह बंद होनी चाहिए और तालिबान या किसी अन्य आतंकी संगठन को इसका इस्तेमाल नहीं करने दिया जाना चाहिए। पाकिस्तान के साथ इस मुद्दे पर अक्सर बात होती है। ’’

अमेरिका और नाटो के सैनिकों की वापसी शुरू होने के बाद से अफगानिस्तान में तालिबान की तरफ से किये जाने वाले हमले बढ़ गए हैं और उसने कई शहरों पर कब्जा कर लिया है। तालिबान के हमलों के बाद अफगान सुरक्षा बलों ने अमेरिका के साथ मिलकर हवाई हमले की कार्रवाई भी की है।

अफगानिस्तान और अमेरिका ने तालिबान लड़ाकों को पनाह देने और अन्य सहायता मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी। अफगानिस्तान में दशकों से चल रहे गृह युद्ध के कारण करीब 20 लाख अफगान शरणार्थी पाकिस्तान में रह रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान ने कहा है कि अमेरिका और अफगान सरकार के साथ राजनीतिक समाधान तलाशने के लिए वार्ता को लेकर उसने तालिबान पर दबाव बनाया।

भाषा सुरभि प्रशांत

प्रशांत




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