जिनेवा, 26 नवंबर (एपी) : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सलाहकार शुक्रवार को एक विशेष सत्र आयोजित कर रहे हैं, जिसमें दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के एक चिंताजनक नए स्वरूप के बारे में विचार विमर्श किया जाएगा। हालांकि, एक शीर्ष विशेषज्ञ का कहना है कि इसका कोविड-19 टीकों पर पड़ने वाले प्रभाव का कई सप्ताह तक पता नहीं चल सकेगा।
कोविड-19 के विकास पर तकनीकी सलाहकार समूह तथाकथित B.1.1.529 संस्करण पर चर्चा करने के लिए आभासी बैठक कर रहा है, जिसने शेयर बाजारों को झकझोर कर रख दिया है और यूरोपीय संघ को दक्षिणी अफ्रीका के लिए उड़ानों पर रोक की सिफारिश करने के लिए प्रेरित किया है।
समूह यह तय कर सकता है कि क्या यह डेल्टा वेरिएंट की तरह ही ‘सर्वाधिक चिंतापूर्ण स्वरूप’ है और इसे वर्गीकृत करने के लिए ग्रीक अक्षर का उपयोग करना है या नहीं।
कोविड-19 पर तकनीकी समूह का नेतृत्व करने वाली मारिया वान केरखोव ने सोशल मीडिया चाट में बृहस्पतिवार को कहा, ‘हम अभी तक इसके बारे में बहुत कुछ नहीं जानते हैं। हम इतना ही जानते हैं कि कोरोना के इस वेरिएंट में बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन हैं, जो एक चिंता का विषय है, क्योंकि जब इतने सारे उत्परिवर्तन होते हैं तो यह वायरस के व्यवहार पर प्रभाव पड़ सकता है।’’
वान केरखोव ने कहा, ‘‘हमें यह समझने में कुछ सप्ताह समय लगेगा कि किसी भी महत्वपूर्ण टीके पर इस स्वरूप का क्या असर होगा।’’
नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक एवं सलाहकार समूह के अध्यक्ष डॉ. अनुराग अग्रवाल ने फोन पर कहा कि इस वेरिएंट के बारे में टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा कि पहले से उपलब्ध जानकारी में कुछ और जोड़ने से पहले अधिक डेटा की आवश्यकता है।
********************************************
हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें
सहयोग करें
POST COMMENTS (0)