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यूक्रेन पर अमेरिका के जवाब से आशावाद की बहुत कम गुंजाइश बचती है : रूस


शुक्र, 28 जनवरी 2022   |   2 मिनट में पढ़ें

मास्को, 27 जनवरी (एपी) :रूस ने बृहस्पतिवार को कहा कि यूक्रेन संकट को हल करने के लिए रूस की मुख्य मांगों पर अमेरिका के इनकार से आशावाद के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है। साथ ही कहा कि बातचीत अभी भी मुमकिन है।

रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास 1,00,000 से अधिक सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है जिससे इस क्षेत्र में युद्ध की आशंका तेज हो गई है। रूस ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि वह हमले की योजना बना रहा है, लेकिन अमेरिका और उसके नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) सहयोगियों का मानना है कि रूस युद्ध की ओर बढ़ रहा है तथा इसके लिए तैयारी कर रहा है।

रूस ने कई मांगें रखी हैं जिसके बारे में उसका कहना है इससे यूरोप में सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा। जैसा कि अपेक्षित था, अमेरिका और पश्चिमी गठबंधन ने बुधवार को मास्को के मुख्य बिंदुओं पर किसी भी तरह की रियायत को दृढ़ता से खारिज कर दिया। अमेरिका ने यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से स्थायी रूप से प्रतिबंधित करने से इनकार कर दिया और कहा कि पूर्वी यूरोप में सैनिकों और सैन्य उपकरणों की संबद्ध तैनाती के मुद्दे पर कोई वार्ता नहीं होगी।

हालांकि, तनाव घटाने के मकसद से अमेरिका ने उन क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार की है जहां रूस की कुछ चिंताओं का समाधान किया जा सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा,‘‘रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है, न कोई बदलाव होगा।’’ उन्होंने फिर से आगाह किया कि यूक्रेन में रूस के किसी भी घुसपैठ के बड़े परिणाम होंगे और उसे गंभीर आर्थिक नुकसान झेलना होगा।

क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका की प्रतिक्रिया और नाटो से इसी तरह की प्रतिक्रिया के बाद ‘‘आशावाद के लिए बहुत कम गुंजाइश बचती है।’’ साथ ही, उन्होंने कहा कि ‘‘बातचीत जारी रखने की संभावनाएं बरकरार हैं, यह हमारे और अमेरिकियों, दोनों के हित में है।’’

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि अमेरिकी प्रतिक्रिया में ऐसे कुछ तत्व शामिल हैं जिससे ‘‘कम महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीर बातचीत की शुरुआत’’ हो सकती है। लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ‘‘अमेरिकी जवाब वाले दस्तावेज में रूस की मुख्य मांगों पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं है।’’ रूस की मुख्य मांगों में नाटो का विस्तार रोकने और क्षेत्र से ऐसे हथियारों को हटाने से है, जिससे रूस को खतरा हो सकता है।

लावरोव ने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष अधिकारी अब अमेरिकी जवाब के बाद अपने प्रस्ताव राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सौंपेंगे। पेसकोव ने कहा कि रूस का जवाब जल्द सामने आएगा। पेसकोव ने यह भी कहा कि पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन तय करेंगे कि पिछले महीने दो बार की बातचीत के बाद उन्हें एक और वार्ता करने की आवश्यकता है या नहीं।

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