लंदन, सात नवंबर (भाषा) : अमेरिका ने ग्लासगो में सीओपी-26 जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में वैश्विक ऊर्जा ग्रिड से संबद्ध ब्रिटेन एवं भारत नीत ग्रीन ग्रिड पहल के साथ हाथ मिलाया है जिसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
इस सप्ताह के प्रारंभ में ग्रीन ग्रिड पहल- ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड‘ (जीजीआई-ओएसओडब्ल्यूओजी) की संचालन समिति की बैठक में अमेरिका की ऊर्जा मंत्री जेनिफर ग्रानहोम ने कहा कि अमेरिका जलवायु वार्ता में वापस लौटने एवं नयी पहल से जुड़ने पर रोमांचित है।
उन्होंने कहा, ‘‘ साल में मानवजाति जितनी ऊर्जा इस्तेमाल करती है वह उस ऊर्जा के बराबर है जो एक घंटे में सूर्य से धरती पर पहुंचती है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जीजीआई -ओएसओडब्ल्यूओजी इस पहेली के दो अहम तत्वों पर ध्यान दे रहा है। अमेरिका के ऊर्जा विभाग में हम जीजीआई -ओएसओडब्ल्यूओजी के साथ साझेदारी करने को लेकर खुश हैं। ’’
भारत की अध्यक्षता में ‘इंटरनेशनल सोलर एलायंस’ तथा ब्रिटेन की अध्यक्षता में सीओपी 26 ने मंगलवार को विश्व सम्मेलन के दौरान जीजीआई -ओएसओडब्ल्यूओजी की शुरुआत की।
जीजीआई -ओएसओडब्ल्यूओजी की संचालन समिति में भारत और ब्रिटेन के अलावा अमेरिका, आस्ट्रेलिया एवं फ्रांस हैं और उसने ‘वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड’ का सपना साकार करने को ठाना है जिसके तहत 80 देशों ने ‘ वन सन डिक्लयरेशन’ पर मुहर लगाते हुए आपस में एक दूसरे से जुड़े ग्रिडों के निर्माण के लिए मिलकर प्रयास करने का निश्चय किया है।
ग्रानहोम ने इस सप्ताह बैठक में कहा कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए अगली पीढी की प्रौद्योगिकियों पर बल दे रहा है कि सोलर पैनल एवं ग्रिड दुनियाभर के बाजारों में निरंतर बेहतर हों।
उन्होंने कहा, ‘‘ अमेरिका को उन देशों की मदद करने में रूचि है जिनके पास बिजली की असुविधा है और वह ऐसा सूर्य की शक्ति के माध्यम से करेगा। ’’
सोमवार एवं मंगलवार को ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन प्रारूप संधिपत्र सम्मेलन के नेता-स्तरीय कार्यक्रमों के बाद, हर देश के प्रतिनिधि एवं अधिकारी 12 नवंबर को सम्मेलन के समापन तक जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आगे के मार्ग को अंतिम रूप देने की खातिर लगातार बैठकें कर रहे हैं।
भारतीय दल में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव एवं मुख्य वार्ताकार ऋचा शर्मा हैं। यादव ने कहा, ‘‘ धरती को बचाने के लिए हमें सूर्य की ओर लौटना चाहिए। दुनिया आर्थिक एवं सामाजिक रूप से जिस तरह नयी ऊंचाइयों को हासिल करने के लिए बढ़ रही है, उसे सौर ऊर्जा ही ताकत देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जीजीआई-ओएसओडब्ल्यूओजी पहल के मूल में सतत विकास एवं जलवायु परिवर्तन उपशमन है तथा उसमें अछूते रह गये क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। इससे हरित निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा एवं लाखों हहित नौकरियां सृजित होंगी। ’’
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