न्यूयॉर्क, 18 जनवरी (भाषा) :भारत ने ‘‘अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों’’ के चलते आतंकवाद का वर्गीकरण करने की संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की प्रवृत्ति को मंगलवार को ‘‘खतरनाक’’ करार दिया।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने वैश्विक आतंकवाद रोधी परिषद द्वारा ‘‘आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 2022’ में कहा कि ‘‘अपने राजनीतिक, धार्मिक एवं अन्य मकसदों’’ के चलते संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्यों की कट्टरपंथ से प्रेरित हिंसक अतिवादी और दक्षिणपंथी अतिवादी जैसे वर्गों में आतंकवाद का वर्गीकरण करने की प्रवृत्ति खतरनाक है और यह दुनिया को 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका में हुए हमलों से पहले की उस स्थिति में ले जाएगी, जब ‘‘आपके आतंकवादी’’ और ‘‘मेरे आतंकवादी’’के रूप में आतंकवादियों का वर्गीकरण किया जाता था।
तिरुमूर्ति ने कहा कि इस तरह की प्रवृत्ति हाल में अपनाई गई वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति के तहत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकृत कुछ सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह रणनीति स्पष्ट करती है कि हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए और आतंकवाद को किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
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