संयुक्त राष्ट्र, 23 सितंबर (भाषा) : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में बौद्ध धरोहर का संरक्षण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। दरअसल, तालिबान ने 2001 में बामियान में महात्मा बुद्ध की एक विशाल प्राचीन प्रतिमा को नष्ट कर दिया था।
राजपक्षे ने यहां बुधवार को संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय आम चर्चा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान की बौद्ध धरोहर का संरक्षण सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं।’’
उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र महासभा के सदस्य देशों से सहयोग की सच्ची भावना, सद्भावना और परस्पर सम्मान के साथ एकजुट होकर काम करने की अपील करते हैं, ताकि सभी के लिए बेहतर और कहीं अधिक सतत भविष्य तैयार हो सके।
उल्लेखनीय है कि तालिबान ने 2001 में बामियान में बुद्ध की बलुआ पत्थर की एक प्राचीन प्रतिमा को नष्ट कर दिया था। तालिबान सरकार के नेता मुल्ला मोहम्मद उमर ने टैंकों और तोपखाने से विशाल प्रतिमा पर गोलाबारी करने और डायनेमाइट विस्फोट से इसे नष्ट करने का आदेश दिया था।
विश्व धरोहर स्थल में शामिल बामियान स्थित बुद्ध प्रतिमा को नष्ट किए जाने के 20 साल बाद और पिछले महीने तालिबान के काबुल पर नियंत्रण करने के बाद, संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ( यूनेस्को) के महानिदेशक आउद्रे अजौले ने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप अफगानिस्तान की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए सभी आवश्यक एहतियात बरतने की अपील की थी।
यूनेस्को ने कहा था कि वह जमीनी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है और अफगानिस्तान की सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा के लिए हरसंभव कोशिश करने को प्रतिबद्ध है।
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