जिनेवा, चार अक्टूबर (एपी) : संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय की तरफ से नियुक्त जांचकर्ताओं ने सोमवार को कहा कि उन्हें अशांत उत्तर अफ्रीकी देश में संभावित युद्ध अपराध और मानवता के खिलाफ युद्ध के साक्ष्य मिले हैं।
मानवाधिकार परिषद् की तरफ से नियुक्त ‘‘तथ्यान्वेषी मिशन’’ द्वारा जुटाए गए सबूतों को सोमवार को जारी किया गया जिसमें हत्या, उत्पीड़न, गुलाम बनाने, न्यायेतर हत्याएं और बलात्कार जैसे अपराधों का जिक्र है। करीब एक दशक पहले पूर्व तानाशाह मुअम्मर कज्जाफी का शासन खत्म होने के बाद लीबिया में फैली हिंसा और अत्याचार अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय ताकतों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकता है।
तीन सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘लीबिया में 2011 से 2016 तक बेतरतीब हिंसा जारी रही और आयोग ने पाया है कि कमजोर लोगों के खिलाफ उत्पीड़न, अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध जैसी गंभीर घटनाएं हुईं।’’
विशेषज्ञों ने इन रिपोर्ट का हवाला दिया है कि भूमध्यसागर में आव्रजकों को रोकने के लिए यूरोपीय संघ ने लीबिया के तटरक्षक बल को प्रशिक्षित किया था, जिसने आव्रजकों के साथ दुर्व्यवहार किया और उनमें से कुछ को हिरासत केंद्रों में सौंप दिया जहां अकसर अत्याचार एवं यौन हिंसा होती हैं।
रिपोर्ट में रूस की निजी सैन्य कंपनी पर भी आरोप लगाए गए हैं कि उसके कर्मियों ने ‘‘हत्या के अपराध किए’’ और लोगों पर सीधे गोलीबारी की। रूस की इस निजी कंपनी को वैगनर ग्रुप के नाम से जाना जाता है।
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