नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) : ब्रिटेन-भारत यात्रा प्रतिबंधों के मुद्दे के समाधान के कुछ दिन बाद भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने बृहस्पतिवार को इस मामले में नस्लवाद के पहलू को खारिज करते हुए कहा कि ऐसा ब्रिटेन की यात्रा नीति में ‘परिवर्तन’ की वजह से हुआ।
उन्होंने कहा कि दुनिया का ध्यान भारत पर है और अब वह यूरोप केंद्रित दुनिया नहीं रह गई है। ‘टाइम्स नाउ’ सम्मेलन में उन्होंने कहा कि एयूकेयूएस (ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका) गठबंधन ब्रिटेन की मुक्त और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उनसे जब यह पूछा गया कि ब्रिटेन भारत के टीकाकरण कार्यक्रम के प्रति संदेहपूर्ण रुख रखता हुआ प्रतीत होता है तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत का टीकाकरण अभियान बेहद शानदार है। अब तक एक अरब से अधिक टीके वितरित किए गए जो कि बड़ी उपलब्धि है।’’ एलिस ने इस ओर इशारा किया कि ये 80 फीसदी टीके ब्रिटेन-भारत सहयोग-कोविशील्ड का परिणाम है।
ब्रिटेन ने टीकाकरण सर्टिफिकेट के विवाद को खत्म करते हुए सात अक्टूबर को घोषणा की थी कि वैसे भारतीय जिन्होंने कोविशील्ड की दोनों खुराक ली है, उन्हें ब्रिटेन आने पर 11 अक्टूबर से पृथकवास में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि ब्रिटेन कोविशील्ड को मान्यता देता है और उसने यह बात स्पष्ट की है। महामारी के मद्देनजर भारत समेत दुनिया के सभी देश अपने यात्रा नियमों में बदलाव कर रहे हैं। ब्रिटेन ने भी ऐसा किया। उनसे जब पूछा गया कि वह ब्रिटेन के प्रतिबंध को नस्लवाद बताने वाली टिप्पणियों के बारे में क्या कहेंगे तो उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं है और ऐसा कभी था भी नहीं।’’
उन्होंने भारतीय मूल के ब्रिटेन के मंत्रियों ऋषि सुनाक और प्रीति पटेल का नाम रेखांकित करते हुए कहा कि ब्रिटेन में भारत सफलता की कहानी लिख रहा है।
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