नयी दिल्ली, (भाषा) तिब्बतियों के एक समूह ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक, 2022 के खिलाफ मध्य दिल्ली के चाणक्यपुरी में स्थित चीनी दूतावास के नजदीक शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब 50-60 लोग हाथों में तख्तियां लिए दोपहर 12 बजे प्रदर्शन करने पहुंचे थे।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन करीब 45 मिनट तक चला। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदर्शनकारी को हिरासत में नहीं लिया गया।
कुछ तख्तियों पर लिखा था, ‘नरसंहार खेलों को ना कहें’, ‘हम नरसंहार खेलों को नहीं देखेंगे’, और सीसीपी (चीनी कम्युनिस्ट पार्टी) तिब्बत में हत्या रोको’।
तिब्बती युवा कांग्रेस ने एक बयान में कहा कि ओलंपिक खेल प्रेम एवं शांति के प्रतीक हैं और टकरावों के शांतिपूर्ण समाधान का एक माध्यम है।
इसमें कहा गया है, ‘‘लेकिन इस बार यह बीजिंग,चीन में हो रहा है– एक ऐसा देश, जिसका मानवाधिकार हनन का और तिब्बतियों, उइगर और आपैनिवेशीकृत एवं एक दमनकारी प्रणाली के तहत नियंत्रित अन्य लोगों के नरसंहार का एक रिकार्ड है।’’
इसमें आरोप लगाया है कि चीन ने तिब्बत में मानवाधिकारों का हनन जारी रखा है और मठवासी संस्थानों को ध्वस्त कर दिया तथा राख में तब्दील कर दिया।
बयान में कहा गया है, ‘‘हाल में, बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक से महज एक महीने पहले चीन सरकार ने महात्मा बुद्ध की 99 फुट ऊंची एक प्रतिमा ध्वस्त कर दी…। साथ ही, सीसीपी ने अपनी कट्टरपंथी नीतियों से असहमति प्रकट करने को लेकर तिब्बतियों को हिरासत में लेना और कैद करना जारी रखा है। ’’
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