काहिरा, 27 अक्टूबर (एपी) : सूडान में तख्तापलट के बाद लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिसके तहत सेना ने देश में लोकतंत्र की वकालत करने वाले तीन प्रमुख लोगों को हिरासत में ले लिया है। इन लोगों के परिजनों ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की है।
सेना द्वारा हिरासत में लिए गए लोकतंत्र समर्थकों में इस्माइल अल-ताज, सादिक अल-सादिक अल-महदीक और खालिद अल-सिलायक शामिल हैं।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से सेना पर तख्तापलट को वापस लेने का दबाव लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
सेना द्वारा अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक और उनकी पत्नी को घर लौटने की अनुमति देने के कुछ घंटों बाद ही लोकतंत्र समर्थक तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के अर्थशास्त्री रह चुके सूडान के प्रधानमंत्री हमदोक और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार को सेना द्वारा तख्तापलट के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
सूडान में सेना की ओर से किए गए तख्तापलट को देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था को फिर से बहाल करने की प्रक्रिया के लिए एक बड़ा खतरा माना जा रहा है।
लंबे समय तक देश के शासक रहे उमर अल-बशीर और उनकी इस्लामिक सरकार को 2019 में एक लोकप्रिय विद्रोह के बाद हटा दिया गया था तथा इसके बाद से ही सूडान में लोकतंत्र को फिर से बहाल करने की कोशिशें तेज हो गयी थीं।
तख्तापलट के बाद सत्ता संभालने वाले जनरल अब्देल-फतह बुरहान ने सूडान में जुलाई 2023 में तय समय के अनुसार ही चुनाव कराने और इस बीच एक टेक्नोक्रेट सरकार नियुक्त करने का संकल्प लिया है। लेकिन आलोचकों ने जनरल बुरहान की मंशा पर संदेह जताते हुए कहा है कि इस बात की संभावना कम ही है कि सेना अंततः देश में लोकतांत्रिक शासन को बहाल करने की अनुमति देगी।
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