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आतंकी हमले की शिकार प्रधानाचार्य, शिक्षक को नम आंखों से विदाई, जम्मू-कश्मीर में विरोध-प्रदर्शन


शनि, 09 अक्टूबर 2021   |   5 मिनट में पढ़ें

जम्मू/श्रीनगर, आठ अक्टूबर (भाषा) : श्रीनगर के ईदगाह इलाके में एक सरकारी स्कूल में बृहस्पतिवार को आतंकियों के हाथों मारी गईं प्रधानाचार्य सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लोगों ने नम आंखों से प्रधानाचार्य और शिक्षक को अंतिम विदाई दी। हाल के दिनों में आतंकियों द्वारा आम नागरिकों की हत्याओं की बढ़ती वारदात से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन किया जबकि विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश में बिगड़ते हालात के लिए केंद्र की गलत नीतियां जिम्मेदार हैं।

श्रीनगर के करण नगर इलाके में एक श्मशान घाट पर परिवार और रिश्तेदारों की मौजूदगी में सुपिंदर कौर का अंतिम संस्कार किया गया। अलूची बाग इलाके में कौर के आवास पर समुदाय के सैकड़ों सदस्य एकत्रित हुए और उन्होंने एक स्ट्रेचर पर उनके पार्थिव शरीर को रख कर, वहां से एक प्रदर्शन मार्च निकाला। उन्होंने अलूची बाग से जहांगीर चौक तक पैदल प्रदर्शन किया और सुपिंदर कौर तथा उनके सहकर्मी दीपक चंद के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए।

वहीं, कश्मीरी प्रवासी शिक्षक दीपक चंद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को जम्मू के एक श्मशान घाट में किया गया। उस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं सहित हजारों लोग मौजूद थे। शक्तिनगर श्मशान घाट में दीपक चंद के अंतिम संस्कार के समय काफी गमगीन माहौल था। उनका पार्थिव शरीर देर रात श्रीनगर से जम्मू के पटोली स्थित उनके घर लाया गया। इस दौरान चंद की मां कांता देवी और उनकी पत्नी अनुराधा बेसुध थीं। बेटे के गम में डूबीं कांता देवी ने कहा, ‘‘मैं कुछ नहीं चाहती, मुझे कोई नौकरी नहीं चाहिए, बस मेरे दीपक को वापस लौटा दो।’’

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में कई नागरिकों की हत्याएं हुई हैं। बृहस्पतिवार को श्रीनगर में प्रधानाध्यापक सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या कर दी गई। इससे पहले मंगलवार को आतंकियों ने कश्मीरी पंडित समुदाय के माखन लाल बिंद्रू, बिहार के निवासी विक्रेता वीरेंद्र पासवान की हत्या कर दी। आतंकियों ने हाल में बांदीपुरा में मोहम्मद शफी लोन, श्रीनगर में माजिद अहमद गुजरी और बटमालू में मोहम्मद शफी डार की भी हत्या की थी ।

उधर, एक कश्मीरी पंडित संगठन ने कहा कि 2010-11 में पुनर्वास पैकेज के दौरान सरकारी नौकरी हासिल करने वाले समुदाय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। आरोप लगाया गया कि प्रशासन इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहा है।

वहीं, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रशासन ने अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों को 10 दिन का अवकाश प्रदान किया है।

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू ने कहा, ” 500 से अधिक लोगों ने बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा जैसी जगहों को छोड़कर जाना शुरू कर दिया है। कई ऐसे गैर कश्मीरी पंडित परिवार भी हैं जोकि चले गए हैं। यह दोबारा 1990 के दौर की वापसी जैसा है। हमने जून में उप राज्यपाल कार्यालय से समय मांगा था, अब तक समय नहीं दिया गया है।”

इस बीच, विपक्षी दलों ने भी हत्याओं को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आतंकवादियों की गोलियों की शिकार स्कूल की प्रधानाध्यापिका के परिवार से मिलने के बाद शुक्रवार को कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए गलत कदम जम्मू कश्मीर में ‘‘बिगड़ती’’ स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं।

महबूबा ने कौर के अलूचीबाग स्थित आवास के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं और इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली सरकार जिम्मेदार है। सरकार द्वारा पांच अगस्त 2019 (अनुच्छेद 370 को निरस्त करने) के बाद से और उससे पहले उठाए गए गलत कदम कश्मीर में तेजी से बिगड़ते हालात के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।’’

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर हाल में हुए हमलों का उद्देश्य समुदायों के बीच दरार पैदा करना है और यह बहुसंख्यक समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह हमारे भाइयों को सुरक्षा की भावना दें। उन्होंने कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों से अपने घरों को छोड़कर 1990 के दशक में जो हुआ उसे नहीं दोहराने की अपील की। अब्दुल्ला ने यहां अलूची बाग में प्रधानाचार्य सुपिंदर कौर के आवास पर जाने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए हमलावरों को पकड़ने में विफल रहने के लिए प्रशासन की भी आलोचना की।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों के भीतर आतंकवादियों द्वारा सात नागरिकों की हत्या किए जाने की निंदा करते हुए शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को इस केंद्रशासित प्रदेश के निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘आतंकियों द्वारा हमारे कश्मीरी बहनों-भाइयों पर बढ़ते हमले दर्दनाक और निंदनीय हैं। इस मुश्किल घड़ी में हम सब अपनी कश्मीरी बहनों-भाइयों के साथ हैं।’’

इस बीच, जम्मू-कश्मीर में हाल में आतंकवादियों द्वारा आम नागरिकों की हत्या पर कई संगठनों ने शुक्रवार को यहां विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि इस तरह की हिंसा अलगाववादियों के बीच हताशा का परिणाम है क्योंकि इस क्षेत्र में तेजी से विकास और शांति हो रही है।

इन हत्याओं के विरोध में जम्मू कश्मीर पीपुल्स फोरम (जेकेपीएफ) के बैनर तले आयोजित एक रैली में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने तवी पुल पर यातायात अवरुद्ध कर दिया और कश्मीर के अंतिम राजा महाराजा हरि सिंह की प्रतिमा के नीचे एकत्र हो गए।

जेकेपीएफ के अलावा, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, शिवसेना और जागरण मंच ने भी घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया, जबकि कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों ने पुरखू, बूटानगर और मुठी में विरोध प्रदर्शन किया।

जेकेपीएफ सदस्य राजीव पंडित ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम पिछले कुछ दिनों के दौरान कश्मीर में अल्पसंख्यकों (सिखों और हिंदुओं) की चुनिंदा और योजनाबद्ध तरीके से की गई हत्या पर अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। टीआरएफ (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के आतंकियों ने चुनिंदा तरीके से अल्पसंख्यक समुदायों के दो शिक्षकों को निशाना बनाया और उन्हें गोली मार दी।’’ पंडित ने कहा कि हत्याएं कश्मीर घाटी में तेजी से हो रही शांति और विकास के कारण अलगाववादियों और आतंकवादियों के बीच हताशा का परिणाम हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के उपाध्यक्ष युद्धवीर सेठी ने कहा कि हत्याओं के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित किया जाएगा और उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। सेठी ने कहा, ‘‘आतंकवादी कश्मीर में भय और आतंक पैदा करने के लिए ‘सॉफ्ट टारगेट’ और निहत्थे अल्पसंख्यकों पर हमला कर रहे हैं। दबाव के कारण वे (आतंकी) हिंसा का सहारा ले रहे हैं।’’

जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने भी विरोध मार्च निकाला और हत्याओं की निंदा की। उद्योग संघ के अध्यक्ष अरुण गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारियों, और उद्योगपतियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए और घाटी में अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा दिए जाने की मांग की।

जम्मू कश्मीर नेशनल पैंथर पार्टी (जेकेएनपीपी) के अध्यक्ष हर्ष देव सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जम्मू में प्रदर्शन किया और हिंसा तथा इसे रोकने में नाकामी के लिए सरकार की निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विरोधी नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। जेकेएनपीपी के नेताओं की पुलिस कर्मियों से भिड़ंत भी हो गई, जिन्होंने राजभवन की ओर मार्च करने से रोकने के लिए बड़े-बड़े बैरिकेड लगा रखे थे।

भाषा शफीक नरेश

नरेश




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