मास्को, 17 सितंबर (भाषा) : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार प्रतिनिधित्व आधारित और समावेशी नहीं है, लेकिन इसके साथ काम करना आवश्यक है क्योंकि उन्होंने मान्यता के मुद्दे पर अन्य देशों के रुख में समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया है।
रूस की आधिकारिक तास संवाद समिति की खबर के मुताबिक, पुतिन ने वीडियो लिंक के माध्यम से सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के नेताओं की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि वास्तव में देश का एकमात्र स्वामी बन गए तालिबान ने अपनी सरकार बनाई है, जो अफगानिस्तान के भविष्य के लिए जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “यह एक अंतरिम सरकार है, जैसा कि तालिबान खुद कहता है, और इसे वास्तव में प्रतिनिधित्व आधारित या समावेशी नहीं कहा जा सकता है”। उन्होंने कहा कि इसमें अन्य कबायली समूहों के सदस्य भी शामिल नहीं हैं।
पुतिन ने कहा, “हालांकि, ऐसा लगता है कि इसके साथ भी काम करना जरूरी है। जहां तक मान्यता का सवाल है, मेरा मानना है और मैं उन लोगों से सहमत हूं, जिन्होंने इस बारे में बात की थी कि हमें इस मुद्दे पर अपने रुख में समन्वय स्थापित करने की जरूरत है।”
रूस में तालिबान पर प्रतिबंध है।
रूसी सरकार ने हालांकि अभी तक औपचारिक रूप से तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता देने की घोषणा नहीं की है, लेकिन उसने चीन और पाकिस्तान के साथ काबुल में अपना दूतावास खुला रखा है।
पुतिन के अनुसार “अफगानिस्तान पर विस्तारित ट्रोइका (त्रिगुट-रूस,चीन, पाकिस्तान और अमेरिका) के तंत्र के जरिये संवाद को बढ़ावा देना सबसे फलदायी होगा और यह काम पहले ही प्रगति पर है।”
उन्होंने अफगानिस्तान पर परामर्श लिए मास्को के पूर्व प्रारूप का भी हवाला दिया, जिसमें एससीओ और सीएसटीओ के अन्य देश भी शामिल थे।
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