इस्लामाबाद, 23 अक्टूबर (भाषा) : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान के तालिबान नेतृत्व ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को पड़ोसी देश पाकिस्तान में आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिए अपनी सरजमीं का उपयोग नहीं करने देने का संकल्प जताया है।
कुरैशी और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंड समेत तालिबान प्रशासन के अन्य लोगों से भेंट करने के लिए बृहस्पतिवार को अचानक काबुल की यात्रा की। कुरैशी ने कल कहा था कि पाकिस्तान युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में स्थायी शांति एवं स्थायित्व चाहता है।
कुरैशी के अनुसार, व्यापक चर्चा के दौरान अखुंड ने उन्हें आश्वासन दिया कि टीटीपी और बीएलए को अफगान की सरजमीं से अपना आतंकी अभियान नहीं चलाने दिया जाएगा।
दोनों ही संगठन पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल हैं।
टीटीपी एवं बीएलए ने अकेले इस साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा एवं बलूचिस्तान में कई हमले किये, मुख्य तौर पर उन्होंने सुरक्षाबलों को निशाना बनाया एवं कुछ क्षेत्रों में उनके निशाने पर धार्मिक जुलूस तथा चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से जुड़े चीनी नागरिक भी रहे।
एक दिन की यात्रा से लौटने के बाद कुरैशी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ‘अंतरिम अफगानिस्तान सरकार’ ने उन्हें दृढ़ आश्वासन दिया है कि आतंकवादी अफगानिस्तान के प्रवेश मार्गों से पाकिस्तान में हमला नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि तालिबान सरकार को बताया गया कि उसे क्षेत्रीय आतंकवाद से निपटकर अन्य देशों का विश्वास जीतने की जरूरत है।
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