संयुक्त राष्ट्र, 22 सितंबर (एपी) : तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को पत्र लिखकर अपने प्रवक्ता सुहैल शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का नया राजदूत नामित करने और महासभा के उच्च स्तरीय 76वें सत्र में उसके प्रतिनिधिमंडल को भाग लेने देने का आग्रह किया है।
नामांकन से तालिबान और अफगानिस्तान की पूर्व सरकार के दूत ग्राम इसाकजाई के बीच टकराव की स्थिति पैदा होती है, जो इस पद काबिज हैं।
गौरतलब है कि तालिबान ने पिछले महीने अमेरिकी बलों की वापसी के बीच अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में ले लिया था।
उच्च स्तरीय संयुक्त राष्ट्र महासभा चर्चा के शुरू होने की पूर्व संध्या पर 20 सितंबर को महासचिव को ‘‘अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात, विदेशी मामलों के मंत्रालय’’ का एक पत्र मिला, जिस पर 20 सितंबर, 2021 की तारीख थी और ‘‘विदेश मंत्री के तौर पर अमीर खान मुत्तकी’’ ने उस पर हस्ताक्षर किए थे।
पत्र में तालिबान ने ‘‘ 21 से 27 सितंबर के बीच हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा 76वें सत्र में ’’ हिस्सा लेने का अनुरोध किया है।
महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पत्र में कहा गया कि 15 अगस्त, 2021 को ‘‘ मोहम्मद अशरफ गनी को बाहर कर दिया गया था और (दुनिया भर के देश) अब उन्हें राष्ट्रपति के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।’’
तालिबान के 15 अगस्त को काबुल को अपने नियंत्रण में लेने से कुछ समय पहले ही गनी देश छोड़कर चले गए थे। उन्होंने ही जून 2021 में ग्राम इसाकजाई को काबुल का राजदूत नियुक्त किया था।
तालिबान के पत्र में कहा गया कि स्थायी प्रतिनिधि का मिशन समाप्त माना जाए और इसाकजाई अब अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
तालिबान ने दोहा स्थित प्रवक्ता शाहीन को संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के नए स्थायी प्रतिनिधि के रूप में नामित किया है। तालिबान के पत्र के अनुसार, ‘‘ एक नए स्थायी प्रतिनिधि के रूप में मोहम्मद सुहैल शाहीन को नामित किया गया है।’’
हक ने बताया कि महासचिव एंतोनियो गुतारेस को 15 सितंबर को वर्तमान में मान्यता प्राप्त अफगान राजदूत गुलाम इसाकजाई का पत्र मिला था, जिसमें महासभा के 76वें वार्षिक सत्र में हिस्सा लेने वाले अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल की सूची थी। इसमें इसाकजाई को प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख बताया गया था।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार, मुत्तकी महासभा सत्र को संबोधित करना चाहते हैं।
हक ने बताया कि ये दोनों पत्र संयुक्त राष्ट्र सचिवालय द्वारा, महासभा के अध्यक्ष के कार्यालय से परामर्श के बाद, महासभा के 76वें सत्र की ‘क्रेडेंशियल कमेटी’ के सदस्यों को भेजे गए हैं। ‘क्रेडेंशियल कमेटी’ यह तय करेगी कि आखिर संयुक्त राष्ट्र में काबुल का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
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