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श्रीलंका: विवादित बौद्ध भिक्षु के नेतृत्व में ‘एक देश एक कानून’ के लिए कार्यबल गठित


बुध, 27 अक्टूबर 2021   |   < 1 मिनट में पढ़ें

कोलंबो, 27 अक्टूबर (भाषा) : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने देश में ‘एक देश, एक कानून’ की अवधारणा की स्थापना के लिए 13 सदस्यों का एक कार्यबल गठित किया है, जिसका नेतृत्व मुस्लिम विरोधी रुख के लिए मशहूर एक कट्टर बौद्ध भिक्षु कर रहे हैं।

‘एक देश एक कानून’ 2019 के चुनाव में राजपक्षे का नारा था और उन्हें इस चुनाव में देश की बहुसंख्यक आबादी बौद्ध की तरफ से भारी समर्थन मिला था। ‘एक देश एक कानून’ अवधारणा की स्थापना के लिए एक विशेष राजपत्र के द्वारा राष्ट्रपति ने कार्य बल नियुक्त किया। इसका नेतृत्व गलागोदाथ ज्ञानसारा कर रहे हैं, जो एक कट्टर बौद्ध भिक्षु हैं और देश में मुस्लिम विरोधी भावना का प्रतीक बने हुए हैं।

ज्ञानसारा के बोदु बाला सेना (बीबीएस) या बौद्ध शक्ति बल पर 2013 में मुस्लिम विरोधी दंगे में शामिल होने का आरोप लगा था। इस कार्य बल में चार मुस्लिम विद्वान सदस्य के तौर पर हैं लेकिन अल्पसंख्यक तमिलों को प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। कार्यबल इस संबंध में अंतिम रिपोर्ट 28 फरवरी, 2022 को जमा करेगा जबकि हर महीने वह कार्य प्रगति के बारे में राष्ट्रपति को जानकारी देगा।

‘एक देश एक कानून’ अभियान ने 2019 में ईस्टर के मौके पर हुए आत्मघाती हमले के बाद जोर पकड़ लिया। इस हमले में 11 भारतीय लोगों समेत 270 लोगों की मौत हुई थी। हमले का आरोप चरमपंथी इस्लामी समूह नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) पर लगा।

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