• 05 November, 2024
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भारत की आसियान रणनीति में सिंगापुर काफी मददगार : राजदूत


रवि, 15 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

सिंगापुर, 15 अगस्त (भाषा) भारत और सिंगापुर का राजनीतिक नेतृत्व ‘‘अपनी सोच में निकटता से जुड़ा हुआ है’’ और सिंगापुर, भारत की आसियान रणनीति के लिए मददगार है। भारतीय राजदूत ने रविवार को यह बात कही।

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर डिजिटल तरीके से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उच्चायुक्त पी. कुमारन ने कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच उल्लेखनीय ऐतिहासिक संबंध रहा है और दोनों देश कई क्षेत्रों में निकटता से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘(दोनों देशों के बीच) लगभग 30 नियमित द्विपक्षीय तंत्र, संवाद और अन्य व्यवस्थाएं हैं…हमारा राजनीतिक नेतृत्व अपनी सोच में निकटता से जुड़ा हुआ है क्योंकि हम सिंगापुर को अपनी आसियान रणनीति के लिए सहायक स्थल के रूप में देखते हैं और अपने व्यापार और निवेश साझेदारी को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते हैं।’’

दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) को इस क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है, और भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं। आसियान के 10 सदस्यों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमा और कंबोडिया शामिल हैं।

व्यापार और निवेश के साथ-साथ सुरक्षा और रक्षा क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के बीच संबंधों में तेजी आई है। कुमारन ने कहा कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक तालमेल है, और भारत तथा सिंगापुर दोनों पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, राष्ट्रमंडल, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन और हिंद महासागर नौसेना संवाद जैसे कई मंचों के सदस्य हैं।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘‘सिंगापुर और भारत के बीच समग्र व्यापार और आर्थिक संबंध हैं और लगातार बढ़ रहे हैं।’’ राजदूत ने कहा कि वित्तीय केंद्र, व्यावसायिक कौशल विकसित करने में उच्च स्तर की सफलता और ‘आसियान’ के बाजार के ज्ञान के मामले में सिंगापुर की क्षमता, भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाओं, भूमि की उपलब्धता और सस्ती मजदूरी पर काम करने के इच्छुक एक बड़े और युवा कार्यबल के साथ पूरकता प्रदान करता है और पारस्परिक लाभ के लिए इसका फायदा उठाया जा सकता है।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश




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