अमृतसर, 17 अगस्त (भाषा) अफगानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण होने के बाद वहां रह रहे हिंदू और सिख परिवारों को अपनी जान का डर सता रहा है और वे वहां से निकलना चाहते हैं। काबुल में रहने वाले एक सिख उद्यमी ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ तालिबान नेताओं ने सिखों और हिन्दुओं की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।
रविवार को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने से कुछ ही देर पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर भागने के कारण अफगानिस्तान का भविष्य अधर में लटकता हुआ दिख रहा है।
अफगान उद्यमी गुरदीप सिंह (बदला हुआ नाम) ने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को ध्यान में रखते हुए अफगान सिख भारत के बजाय अमेरिका या कनाडा में शरण लेना पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा कि जलालाबाद में 2018 में आत्मघाती हमले के बाद भारत गए 10 सिखों सहित 19 लोग वहीं फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे लोग वहां अपना व्यापार भी नहीं जमा सकते।’’ सिंह ने कहा कि अब वे ना तो अफगान हैं और ना ही भारतीय।
सिंह ने कहा, ‘‘अगर कनाडा या अमेरिका अफगान सिख और हिन्दुओं की मदद को आगे आते हैं तो हम वहां जाना पसंद करेंगे। ये दोनों देश अतीत में वहां जाकर बसे अफगानों की पहले से काफी मदद कर रहे हैं।’’
अफगानिस्तान में मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा कि काबुल पर तालिबान का पूर्ण नियंत्रण हो गया है।
भाषा अर्पणा नरेश
नरेश
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