नूरानांग (अरुणाचल प्रदेश), 21 अक्टूबर (भाषा) : अरुणाचल प्रदेश के नूरानांग में बन रही और पूरे साल तवांग को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिहाज से महत्वपूर्ण सेला सुरंग के खुलते ही सैनिकों और हथियारों की आवाजाही आसान हो जाएगी।
करीब 13,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस सुरंग के बनने से चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा तक सैनिकों और हथियारों को जल्दी और आसानी से पहुंचने में मदद मिलेगी।
परियोजना निदेशक कर्नल परीक्षित मेहरा ने बताया कि बालीपारा-चारद्वार-तवांग (बीसीटी) रोड पर 700 करोड़ रुपये की लागत से बन रही सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह 13,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर बनने वाली दुनिया की सबसे लंबी दो लेन की सुरंग होगी।
सुरंग का निर्माण नूरानांग इलाके में हो रहा है। दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में कड़ाके की सर्दियों के दौरान यहां भारी बर्फबारी होती है जिसके कारण सैनिकों और हथियारों की आवाजाही प्रभावित होती है।
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के कारण सैनिकों और हथियारों की तेज/सुगम आवाजाही की जरूरत पर फिर से ध्यान गया है।
अरुणाचल प्रदेश में 317 किलोमीटर लंबे बीसीटी रोड पर सुरंग का निर्माण कार्य तय समय से पहले अगले साल जून तक पूरा होने की संभावना है। काम पूरा होने का निर्धारित लक्ष्य अगस्त, 2022 का है।
कर्नल मेहरा ने बताया कि नूरानांग में बन रही 1.55 किलोमीटर लंबी सुरंग तवांग और वेस्ट कामेंग जिलों के बीच की यात्रा दूरी को छह किलोमीटर और यात्रा समय को कम से कम एक घंटा कम कर देगी।
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