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रूस, ईरान ने अफगानिस्तान पर भारत की ओर से आयोजित वार्ता में हिस्सा लेने की पुष्टि की


शनि, 06 नवम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, पांच नवंबर (भाषा) : रूस, ईरान और लगभग सभी मध्य एशियाई देशों ने अफगानिस्तान पर एक क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है, जिसकी मेजबानी भारत द्वारा 10 नवंबर को की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा कि वार्ता में हिस्सा नहीं लेने की पाकिस्तान की मीडिया की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है। सूत्रों ने कहा कि यह टिप्प्णी अफगानिस्तान को अपना ‘‘संरक्षित देश’’ के रूप में देखने की इस्लामाबाद की मानसिकता दिखाती है।

सूत्रों ने कहा कि इस मामले में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की टिप्पणी अफगानिस्तान में अपनी ‘‘हानिकारक भूमिका’’ से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है।

तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता पर काबिज होने के बाद भारत अफगानिस्तान में समग्र सुरक्षा स्थिति पर चर्चा करने के लिए वार्ता की मेजबानी कर रहा है। यह वार्ता इसमें भाग लेने वाले देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर आयोजित की जाएगी। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल संवाद की अध्यक्षता करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि इस प्रारूप में पहले की दो बैठकें ईरान में सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में आयोजित की जा चुकी हैं। सूत्रों ने कहा कि भारत में तीसरी बैठक महामारी के कारण आयोजित नहीं की जा सकी थी।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘भारत के निमंत्रण पर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली है। मध्य एशियाई देशों के साथ-साथ रूस और ईरान ने भी भागीदारी की पुष्टि की है। उत्साही प्रतिक्रिया अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय प्रयासों में भारत की भूमिका से जुड़े महत्व की प्रतिपुष्टि है।’’

सूत्रों ने कहा कि यह पहली बार है कि जब न केवल अफगानिस्तान के तत्काल पड़ोसी बल्कि मध्य एशियाई देश इस प्रारूप में हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए चीन और पाकिस्तान को भी निमंत्रण दिया गया है और औपचारिक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।

सूत्र ने कहा, ‘‘हालांकि, पाकिस्तान ने मीडिया के माध्यम से संकेत दिया है कि वह इसमें शामिल नहीं होगा। पाकिस्तान का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन आश्चर्यजनक नहीं है। यह अफगानिस्तान को अपने संरक्षण वाले देश के रूप में देखने की उसकी मानसिकता को दर्शाता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने इस प्रारूप की पिछली बैठकों में हिस्सा नहीं लिया है। भारत के खिलाफ उसकी मीडिया टिप्पणियां अफगानिस्तान में उसकी हानिकारक भूमिका से ध्यान हटाने का एक असफल प्रयास है।

सूत्रों ने कहा कि भारत द्वारा अगले सप्ताह आयोजित बैठक में उच्च स्तरीय भागीदारी अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में क्षेत्रीय देशों की व्यापक और बढ़ती चिंता और एकदूसरे के साथ परामर्श एवं समन्वय करने की उनकी इच्छा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में भारत की अहम भूमिका है।

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