लंदन, 21 सितंबर (एपी) : यूरोपीय मानवाधिकार अदालत ने लंदन में 2006 में अलेक्जेंडर लितविनेंको की हत्या के मामले में ब्रिटिश जांच रिपोर्ट के इन निष्कर्षों का मंगलवार को समर्थन किया कि उनके कत्ल के लिए रूस जिम्मेदार था। लितविनेंको ने एक चाय पी थी, जिसमें रेडियोएक्टिव पदार्थ मिला था, जिससे उनकी मौत हो गई थी।
केजीबी और सोवियत संघ के विघटन के बाद बनी एफएसबी के पूर्व एजेंट लितविनेंको ने साल 2000 में रूस को छोड़ दिया था और भागकर लंदन आ गए थे। लंदन में रहने के दौरान वह रूसी खुफिया सेवा में भ्रष्टाचार और संगठित अपराध का पर्दाफाश करने लगे।
उन्होंने एक नवंबर 2006 को लंदन के एक होटल में रूस के दो व्यक्तियों के साथ चाय पी थी जिसके बाद वह गंभीर रूप से बीमार पड़ गए तथा तीन हफ्ते तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद उनकी मौत हो गई। उनकी चाय में रेडियोएक्टिव पोलोनियम-210 मिला पाया गया था।
ब्रिटिश जांच 2016 के शुरु में पूरी हुई थी, जिसमें कहा गया था कि रूसी एजेंट आंद्रेई लुगोवोई और दमित्री कोवतुन ने लितविनेंको की हत्या की और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अभियान को ‘संभवत: मंजूरी’ दी थी।
लितविनेंको की विधवा मरीना मामले को स्ट्रासबर्ग स्थित अदालत ले गई थीं।
यूरोपीय अदालत ने मंगलवार को दिए अपने फैसले में ब्रिटिश जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों का समर्थन किया लेकिन ‘दंडात्मक’ हर्जाने के मरीना के दावे को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि इस बात के प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि लितविनेंको को जहर दिया गया है और लुगोवोई और कोवतुन रूस के एजेंट के तौर पर काम कर रहे थे।
उसने यह भी कहा कि रूसी सरकार घटनाओं को लेकर कोई संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में नाकाम रही है और ब्रिटिश जांच रिपोर्ट की पड़ताल के खिलाफ कुछ पेश नहीं कर सकी।
रूस सरकार के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को कहा कि फैसला बेबुनियाद है। उन्होंने कहा, “हम ऐसा कोई फैसला नहीं मानेंगे।”
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