वाशिंगटन, 28 अगस्त (एपी) अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पैदा हुई अराजकता के बीच अमेरिका के निकासी अभियान के मद्देनजर अफगान नागरिकों को देश में शरण देने पर सवाल उठाने वाले रिपब्लिकन नेताओं की संख्या बढ़ रही है और इसी के साथ पार्टी के अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले रिपब्लिकन नेताओं के बीच मतभेद बढ़ रहा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक सप्ताह पहले एक बयान जारी करके कहा था, ‘‘हमारे देश की सहायता करने वाले नागरिकों एवं अन्य लोगों को शरणार्थी बनने की अनुमति दी जानी चाहिए’’, लेकिन उन्होंने हाल में सतर्क किया कि महीने के अंत में अमेरिकी बलों की निकासी के अभियान की समय सीमा समाप्त होने से पहले अफगानिस्तान से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे लोग खतरा पैदा कर सकते हैं।
ट्रंप ने कहा, ‘‘जो बाइडन कितने आतंकवादियों को देश में लाएंगे।’’
रिपब्किन पार्टी ने बाइडन के समक्ष आए पहले बड़े विदेश नीति संकट से निपटने को लेकर उनकी आलोचना की है। कुछ रिपब्लिकन नेता आव्रजन विरोधी बयानबानी कर रह रहे हैं और अफगान नागरिकों को शरण देने के खिलाफ हैं, जबकि पार्टी के अन्य नेताओं का मानना है कि अमेरिका को उन लोगों को अफगानिस्तान से निकलने में मदद करनी चाहिए, जिन्होंने पिछले दो दशक में अमेरिकियों की मदद की।
रिपब्लिकन जवाबदेही परियोजना की निदेशक ओलिविया ट्रॉय ने शरण की इच्छा रखने वाले अफगान नागरिकों में आतंकवादियों के शामिल होने की बात को खारिज करते हुए कहा, ‘‘यह वास्तव में पूरी तरह निराधार है।’’
रिपब्लिकन नेता और जनमत संग्रह के विश्लेषक नील न्यूहाउस ने कहा कि यह बयानबाजी अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद आतंकवादी खतरों को लेकर देश की बढ़ती चिंता को दर्शाती है।
बाइडन प्रशासन ने जोर देकर कहा है कि जिन लोगों को अमेरिका आने के लिए मंजूरी मिली है, उनमें से प्रत्येक व्यक्ति की चौबीसों घंटे काम कर रहे अधिकारी अच्छी तरह जांच कर रहे हैं। ट्रंप और उनके समर्थकों ने मांग की है कि निकासी अभियान में अमेरिकियों को प्राथमिकता दी जाए।
काबुल हवाईअड्डे के पास भीड़ पर बृहस्पतिवार को हुए हमले में 13 अमेरिकी कर्मियों और 150 से अधिक अफगान नागरिकों की मौत के बाद अमेरिका में सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है।
रिपब्लिकन पार्टी के नेता मैट रोसेंडेल ने ट्वीट किया, ‘‘अप्रमाणित शरणार्थियों को निकालने के लिए कितने अमेरिकी सैन्य कर्मियों को जान गंवानी पड़ेगी? अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकालो और हमारे बलों को घर लाओ।’’
रिपब्लिकन गवर्नरों और सांसदों सहित कई अन्य लोगों का रुख अलग है और उन्होंने अपने राज्यों में शरणार्थियों का स्वागत किया है और वे उनकी मदद कर रहे हैं।
अमेरिका ने 14 अगस्त से अफगानिस्तान से एक लाख से अधिक लोगों को बाहर निकाला है, जिनमें से 5,100 से अधिक अमेरिकी हैं। अमेरिकी प्राधिकारियों का मानना है कि अफगानिस्तान से निकलने के इच्छुक करीब 500 अमेरिकी अब भी युद्धग्रस्त देश में है, जबकि शेष के बारे में माना जा रहा है कि वे वहीं रुकना चाहते हैं।
एपी सिम्मी शाहिद
शाहिद
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