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जलवायु परिवर्तन के कारण तेजी से बदल रहे पर्यावरणीय हालात, बच्चों व युवाओं को शिक्षित करने की जरूरत


रवि, 30 जनवरी 2022   |   2 मिनट में पढ़ें

वेंकूवर, 30 जनवरी (द कन्वरसेशन) : बच्चे और युवा जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन जीवन, पर्यावरण के प्रतिरूप (पैटर्न) और भविष्य को बदल रहा है।

मानव जनित जलवायु परिवर्तन मौसम संबंधी घटनाओं के अनुमानों में तेजी से बदलाव ला रहा है और इसके चलते पिछले 20 वर्षों में आपदाओं में अचानक वृद्धि होने से काफी व्यक्तिगत और आर्थिक नुकसान हुए हैं।

साल 2021 में कनाडा में कई लोगों ने जलवायु परिवर्तन से जुड़ी मौसम संबंधी घटनाओं के प्रभावों का अनुभव किया, जिसमें विनाशकारी बाढ़, भूस्खलन, जंगल की आग जैसी प्राकृतिक आपदाएं शामिल हैं।

हमने जलवायु परिवर्तन को युवाओं और बच्चों की समझ के बारे में मौजूदा शोध की पड़ताल की है। हम यह पता लगा रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए युवाओं को किस प्रकार तैयार किया जा रहा है और कई सामाजिक चुनौतियों के बीच उनका क्या भविष्य होगा।

जलवायु परिवर्तन का निर्विवाद रूप से वैश्विक समुदायों पर प्रभाव पड़ा है। ये प्रभाव उन लोगों पर भी प्रतिकूल असर डालते हैं जो सामाजिक, संरचनात्मक और प्रणालीगत असमानताओं का सामना करते हैं और कमजोर वर्ग में शुमार किये जाते हैं।

हमारे शुरुआती शोध निष्कर्षों के अनुसार स्कूलों में पारंपरिक पाठ्यक्रम से आगे बढ़ने की जरूरत है।

हम आशा करते हैं कि बच्चों और युवाओं को जलवायु परिवर्तन के बारे में पढ़ाने के लिये अभिनव तरीके विकसित किये जाएंगे, जिनके तहत उन्हें इस तरह की घटनाएं होने से पहले सतर्क हो जाने और इनसे निपटने के लिये तैयार किया जाएगा। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण को कला-आधारित विधियों से जोड़ना शामिल है।

हमने ब्रिटिश कोलंबिया के शिक्षकों के साक्षात्कार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और उसके पाठ्यक्रम की समीक्षा की है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत जलवायु परिवर्तन शिक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं के संबंध में क्या कर रहा है और क्या सुधार किए जा सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन एक सामाजिक और अंतर-पीढ़ीगत न्याय का मुद्दा है जो उन बच्चों और युवाओं को असमान रूप से प्रभावित करता है, जिन्हें यह समस्या विरासत में मिली है। जलवायु आपदाओं के उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए युवाओं और बच्चों को भी जलवायु अनुकूलन, इससे निपटने और उबरने के प्रक्रियाओं को जानना जरूरी है।

बच्चे भी जलवायु परिवर्तन की प्रतिक्रियाओं में सक्रिय रूप से और सार्थक रूप से शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उन्हें अक्सर अवसर नहीं दिया जाता है – और जब वे कार्य करते हैं, तो उनके प्रयासों पर किसी का ध्यान नहीं जाता। ऐसे में जलवायु परिवर्तन से निपटने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करते हुए उन्हें अवसर प्रदान किये जाने चाहिये।

(माया के. गिसलेसन, असिस्टेंट प्रोफेसर, फैकल्टी ऑफ हेल्थ साइंसेज, सिमोन फ्रेसर यूनिवर्सिटी/ एंजेल. एम कैनेडी, पीएचडी छात्र, फैकल्टी ऑफ हेल्थ साइंसेज, सिमोन फ्रेसर यूनिवर्सिटी)

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