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बांग्लादेश में भव्य विजय दिवस परेड में शामिल हुए राष्ट्रपति कोविंद


शुक्र, 17 दिसम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

ढाका, (भाषा) : बांग्लादेश द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में अपनी जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे कार्यक्रम के तहत बृहस्पतिवार को विजय दिवस परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘‘विशिष्ट अतिथि’’ के रूप में भाग लिया। इस परेड में शानदार एरोबेटिक्स और रक्षा साजो-सामान का प्रदर्शन करते हुए सैन्य शक्ति को दर्शाया गया।

राष्ट्रीय परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में बांग्लादेश के राष्ट्रपति एम अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ-साथ मंत्री, राजनयिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित हुए। परेड में भारतीय सेना के तीनों अंगों से 122 सदस्यीय दल ने भी हिस्सा लिया।

भारतीय सेना ने जैसे ही मार्च पास्ट किया, परेड देखने आए लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया और 1971 के बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में भारत के योगदान को स्वीकार किया।

विजय दिवस परेड के अवसर पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की विंग कमांडर टी आशा ज्योतिर्मई ने यहां बांग्लादेश वायु सेना के स्काई डाइवर के साथ एक संयुक्त स्काई डाइविंग का प्रदर्शन किया।

अपनी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर यहां आए राष्ट्रपति कोविंद बांग्लादेश के विजय दिवस की स्वर्ण जयंती के अवसर पर‘‘विशिष्ट अतिथि’’ के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए।

राष्ट्रपति हामिद और प्रधानमंत्री हसीना ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर राष्ट्रपति कोविंद व प्रथम महिला सविता कोविंद का स्वागत किया।

राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, “राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ढाका के राष्ट्रीय परेड ग्राउंड में विजय दिवस परेड में भाग लिया। भारतीय सशस्त्र बलों के 122 सदस्यीय त्रि-सेवा दल ने भी विजय दिवस समारोह में हिस्सा लिया।”

कोविंद समारोह में शामिल होने वाले अकेले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष थे।

प्रधानमंत्री शेख हसीना को परेड ग्राउंड पर मार्च-पास्ट, फ्लाईपास्ट, एरोबेटिक्स प्रदर्शन, विभिन्न रेजिमेंट के शस्त्रों के प्रदर्शन और सशस्त्र बलों की टुकड़ियों की सराहना करते हुए देखा गया।

भारत के अलावा, रूस और भूटान के सैन्य दल भी परेड में शामिल हुए। मार्च-पास्ट के दौरान उनका भव्य सैन्य बैंड भी साथ था।

बांग्लादेश की आजादी के बाद यह पहला मौका था जब विदेशी सैनिकों ने विजय दिवस समारोह में भाग लिया। एक सैन्य बैंड सहित 122 सदस्यों के साथ परेड में शामिल होने वाला भारतीय दल सबसे बड़ा था। अमेरिका और मैक्सिको ने सैन्य पर्यवेक्षक समूहों को भेजा, जिन्होंने परेड में भाग लिया।

बांग्लादेश की सेना, नौसेना, वायु सेना और अन्य अर्धसैनिक इकाइयों के साथ-साथ गैर-सैन्य और उपयोगिता सेवाओं व मंत्रालयों के 23 दल परेड में शामिल हुए। सशस्त्र बलों ने एक प्रभावशाली मार्च-पास्ट और फ्लाई-पास्ट के साथ-साथ नेशनल परेड स्क्वायर में आयोजित समारोह में अपने रक्षा साजो-सामान और हथियारों का भी प्रदर्शन किया।

इस साल 26 जनवरी को नयी दिल्ली में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में एक बांग्लादेशी त्रि-सेवा दल ने भी भाग लिया।

इससे पहले राष्ट्रपति हामिद और प्रधानमंत्री हसीना ने सावर स्थित राष्ट्रीय स्मारक पर माल्यार्पण कर मुक्ति संग्राम के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

आज के ही दिन 1971 में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी ने ढाका में लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के नेतृत्व में भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और पूर्वी पाकिस्तान को ‘‘बांग्लादेश’’ घोषित किया गया।

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