वारसा, सात जनवरी (एपी) : पोलैंड ने एक विवादित टिप्पणी के बाद प्राग में तैनात अपने राजदूत को वापस बुलाया है। राजदूत ने एक सरकारी कोयला खदान को लेकर चेक गणराज्य के साथ विवाद को लेकर अपने देश के रुख की आलोचना की है।
पोलैंड की सरकार के प्रवक्ता पियोट्र मुलर ने बृहस्पतिवार देरशाम को ट्वीट किया कि राजदूत की टिप्पणी ‘बेहद ही गैर जिम्मेदाराना’ है और तथा उन्हें वापस बुलाने की प्रक्रिया चल रही है।
प्रवक्ता ने कहा कि हर राजनयिक को पोलैंड के हितों की रक्षा करनी चाहिए।
बृहस्पतिवार को जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले द्वारा जारी किये गये साक्षात्कार में (पोलैंड के) राजदूत मिरोस्लाव जासिंकी ने कहा कि पोलैंड ने चेक गणराज्य के साथ ‘वार्ता शुरू करने के प्रति सहानुभूति, समझ और इच्छा की कमी’ प्रदर्शित की है।
पोलैंड की लिग्नाइट खदान चेक सीमा के पास है और चेक अधिकारियों ने कहा है कि यह पर्यावरण पर नकारात्मक असर डालती है।
चेक और पोलैंड के पर्यावरण मंत्रियों के बीच महीनों की वार्ता के बाद भी विवाद नहीं सुलझा है जबकि पोलैंड के प्रधानमंत्री माटेउस्च मोरोवीकी बार बार घोषणा कर चुके हैं कि समाधान करीब है।
जासिंकी ने साक्षात्कार में कहा था, ‘‘ हम बिल्कुल ईमानदार होकर मान लें कि विवाद की वजह कुछ लोगों का अहंकार है।’’ प्राग चेक गणराज्य की राजधानी है।
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