वेटिकनसिटी, 30 अक्टूबर (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कैथोलिक ईसाई धर्म के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस से आमने-सामने की हुई पहली मुलाकात के दौरान उन्हें विशेष तौर पर चांदी से बने कैंडिलेब्रम (मोमबत्ती रखने का होल्डर) और भारत की जलवायु पर पहल को लेकर लिखी पुस्तक बतौर उपहार भेंट की।
मोदी ने 84 वर्षीय पोप को बताया कि कैंडिलेब्रम को विशेष तौर पर तैयार किया गया है और किताब उनके हृदय के करीबी विषय जलवायु परिवर्तन पर है।
वेटिकन समाचार के मुताबिक प्रधानमंत्री ने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख को करीब एक घंटे तक चली मुलाकात के दौरान विशेष रूप से चांदी का बना कैंडिलेब्रम और ‘ द क्लाइमेट क्लाइंब : इंडियाज स्ट्रैटिजी, एक्शन ऐंड अचीवमेंट’’ नाम की पुस्तक भेंट की।
पोप ने भी मोदी को कांस्य पत्र जिसपर लिखा है ‘ रेगिस्तान उद्यान बनेगा’, पोप से जुड़े दस्तावेजों के खंड, विश्व शांति के लिए दिए उनके संदेश और पोप और प्रमुख इमाम अल अजहर द्वारा चार फरवरी 2019 को हस्ताक्षरित मानव बंधुत्व से जुड़े दस्तावेज की प्रति भेंट की।
मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने वर्ष 2013 में पोप बनने के बाद पोप फ्रांसिस से मुलाकात की है। गत दो दशक में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पोप से यह पहली मुलाकात है। इससे पहले जून 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने तत्कालीन पोप जॉन पॉल द्वितीय से वेटिकन में मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि भारत और वेटिकन के बीच वर्ष 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे और तब से दोनों देशों के मित्रता वाले संबंध रहे हैं। एशिया में भारत दूसरा देश हैं जहां कैथोलिक ईसाई धर्म को मानने वालों की सबसे अधिक आबादी रहती है।
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