इस्लामाबाद, पांच जनवरी (भाषा): पाकिस्तान की सेना ने बुधवार को कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे और भारत के रक्षा अधिग्रहण के मद्देनजर देश को अपनी रक्षा क्षमता को उन्नत करने की जरूरत है।
सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान की वायु सेना में चीन निर्मित जे-सी10 लड़ाकू विमानों को शामिल करने से संबंधित खबरों के बारे में पूछे गये प्रश्न का उत्तर देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे के मद्देनजर पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा कि जे-सी10 को शामिल किया जाना कोई असाधारण घटनाक्रम नहीं है बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का हिस्सा है।
इफ्तिखार ने कहा, ‘‘यह वायु सेना के बेड़े को मजबूत करने के मकसद से उठाया गया कदम है।’’
भारत द्वारा राफेल लड़ाकू विमान और रूस निर्मित एस-400 विमान रोधी मिसाइल प्रणाली समेत अन्य रक्षा उपकरणों को खरीदे जाने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमारा दुश्मन लगातार आधुनिकतम उपकरण खरीद रहा है।’’
पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने पिछले सप्ताह कहा था कि पाकिस्तान ने भारत द्वारा राफेल विमान खरीदे जाने के जवाब में अपने सहयोगी चीन से 25 बहुउद्देश्यीय जे-10सी लड़ाकू विमानों का पूरा बेड़ा खरीदा है।
भारत के पाकिस्तान से लगी सीमा पर एस-400 – सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल प्रणाली तैनात करने से संबंधित खबरों के बारे में पूछे जाने पर इफ्तिखार ने कहा, ‘‘हमें दूसरी तरफ खतरे के बारे में जानकारी है। हमने कदम उठाये हैं और हम तैयार हैं।’’
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रणालियों में से एक है क्योंकि पिछले कुछ साल में इसे बहुत उन्नत किया गया है।
इफ्तिखार ने कहा कि भारत के साथ संघर्ष-विराम समझौते के तहत नियंत्रण रेखा पर हालात व्यापक रूप से शांतिपूर्ण बने हुए हैं और इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों के जीवनस्तर में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘उसी समय भारतीय सेना के अधिकारियों के आरोप और झूठा दुष्प्रचार कश्मीर से वैश्विक ध्यान हटाने के एक विशिष्ट एजेंडा की ओर इशारा करते हैं।’’
इफ्तिखार ने घुसपैठ के संबंध में पाकिस्तान के खिलाफ आरोपों को भी खारिज कर दिया।
अर्थव्यवस्था को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में मेजर जनरल इफ्तिखार ने कहा कि कोई असर नहीं हुआ है और पाकिस्तान आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सभी सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने को तैयार है।
प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ संघर्ष-विराम की बात पर उन्होंने कहा कि अंतरिम अफगान सरकार के अनुरोध पर टीटीपी के साथ बातचीत की गयी लेकिन समूह ने कुछ शर्तें रखीं जो स्वीकार्य नहीं थीं और बातचीत नाकाम रही।
पाकिस्तान में आईएसआईएस की मौजूदगी की बातों को खारिज करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि कई बार छोटे समूह आईएसआईएस के नाम का इस्तेमाल करते हैं।
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