इस्लामाबाद, 21 सितंबर (भाषा) : पाकिस्तानी सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि उनका देश अपने सुरक्षा हितों की हिफाज़त के लिए अफगान तालिबान के साथ ‘ निरंतर संपर्क’ में है।
फौज के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि तालिबान ने कई मौकों पर दोहराया है कि किसी भी समूह या आतंकवादी संगठन को पाकिस्तान सहित किसी भी देश के खिलाफ किसी भी आतंकवादी गतिविधि के लिए अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने ‘उर्दू न्यूज़’ से कहा,“ हमारे पास उनके इरादों पर शक करने की कोई वजह नहीं है और इसलिए हम अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए उनके साथ लगातार संपर्क में हैं।”
‘डॉन’ अखबार ने खबर दी है कि मुल्क की एक प्रमुख चिंता अफगानिस्तान में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकी समूह की मौजूदगी है।
खबर में कहा गया है कि अवांछित तत्वों को सरहद पार कर पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोकने के लिए नए सीमा नियंत्रण उपायों को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों और अफगान तालिबान के बीच चर्चा भी हुई है।
समाचार के मुताबिक, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से पाकिस्तान में टीटीपी के हमलों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारी इसके लिए अफगान तालिबान को कसूरवार ठहराने के लिए तैयार नहीं हैं।
मेजर जनरल इफ्तिखार ने रेखांकित किया कि अफगानिस्तान के साथ 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर बाड़ लगाने का काम प्रगति पर है।
उन्होंने कहा, “हमारा हमेशा से मकसद सरहद के इस तरफ बेहतर प्रबंधन करने का रहा है। क्षेत्र के भूभाग और अन्य मुश्किलों की वजह से पाकिस्तान-अफगान सीमा पर बाड़ लगाना एक अहम जिम्मेदारी थी। तमाम मुश्किलों के बावजूद पाकिस्तान ने सरहद के 90 फीसदी हिस्से पर बाड़ लगाने का काम पूरा कर लिया है। सीमा प्रबंधन में लगातार सुधार हो रहा है और हमें उम्मीद है कि निकट भविष्य में यह पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा।”
तालिबान ने अफगानिस्तान से अमेरिका नीत बलों की वापसी की पृष्ठभूमि में देश के अहम शहरों को फतह करने के बाद 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर भी कब्जा कर लिया था।
तालिबान ने छह सितंबर को पंजशीर प्रांत पर भी जीत का दावा किया था जहां विरोधी बल उससे लड़ रहे थे।
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