• 07 January, 2025
Foreign Affairs, Geopolitics & National Security
MENU

अफगानिस्तान में पाक का रणनीतिक हित भारतीय प्रभाव का मुकाबला करना है: अमेरिकी विदेश मंत्रालय


रवि, 22 अगस्त 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

(ललित के झा )

वाशिंगटन, 21 अगस्त (भाषा) अफगानिस्तान में पाकिस्तान के सामरिक सुरक्षा उद्देश्य लगभग निश्चित रूप से भारतीय प्रभाव का मुकाबला करना और पाकिस्तानी क्षेत्र में अफगान गृहयुद्ध के अप्रत्यक्ष असर को कम करना है। एक अमेरिकी महानिरीक्षक ने रक्षा खुफिया एजेंसी से मिली जानकारियों का हवाला देते हुए यह बात कही है।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के महानिरीक्षक कार्यालय ने अफगानिस्तान पर अपनी नवीनतम तिमाही रिपोर्ट में कहा, “अफगान तालिबान के साथ संबंध बरकरार रखते हुए पाकिस्तान ने शांति वार्ताओं को समर्थन देना जारी रखा हुआ है। रक्षा खुफिया एजेंसी (डीआईए) के मुताबिक, अफगानिस्तान में पाकिस्तान के रणनीतिक सुरक्षा उद्देश्य लगभग निश्चित रूप से भारतीय प्रभाव का मुकाबला करना और पाकिस्तानी क्षेत्र में फैलाव को कम करना जारी रखना है।”

एक अप्रैल से 30 जून की तिमाही की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तानी सरकार चिंतित है कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध का पाकिस्तान पर अस्थिर प्रभाव पड़ेगा, जिसमें शरणार्थियों की आमद और पाक विरोधी आतंकवादियों के लिए एक संभावित पनाहगाह प्रदान करना शामिल है।

प्रत्यक्षदर्शी सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों के अनुसार इस तिमाही के दौरान, पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में अफगान तालिबान के लिए वित्तीय योगदान में वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया है कि उकसावे के प्रयास परंपरागत रूप से मस्जिदों में होते थे, लेकिन अफगान तालिबान के आतंकवादी अब खुलेआम पास के पाकिस्तानी शहरों के बाजार इलाकों का दौरा करते हैं।

इसमें कहा गया, “आतंकवादी आमतौर पर दुकानदारों से 50 डॉलर या उससे अधिक के योगदान की याचना करते हैं। स्थानीय निवासियों ने संवाददाताओं को बताया कि क्वेटा, कुचलक बाईपास, पश्तून अबाद, इशाक अबाद और फारूकिया के कस्बों और शहरों में चंदा लेने के प्रयास अब आम बात हो गई है।”

रिपोर्ट के अनुसार, डीआईए ने मीडिया की खबरों का हवाला देते हुए कहा कि ईरान अफगानिस्तान से अमेरिका और गठबंधन सेना की वापसी का स्वागत करता है लेकिन अफगानिस्तान में इसके परिणामस्वरूप होने वाली अस्थिरता के बारे में ‘लगभग निश्चित रूप से’ चिंतित है। डीआईए के अनुसार, ईरान अफगान सरकार, तालिबान और सत्ता के दलालों के साथ संबंधों के माध्यम से भविष्य की किसी भी अफगान सरकार में प्रभाव का प्रयोग करना जारी रखेगा, लेकिन ईरान तालिबान के इस्लामी अमीरात की पुन: स्थापना का विरोध करता है।

भाषा

नेहा प्रशांत

प्रशांत




चाणक्य फोरम आपके लिए प्रस्तुत है। हमारे चैनल से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (@ChanakyaForum) और नई सूचनाओं और लेखों से अपडेट रहें।

जरूरी

हम आपको दुनिया भर से बेहतरीन लेख और अपडेट मुहैया कराने के लिए चौबीस घंटे काम करते हैं। आप निर्बाध पढ़ सकें, यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी टीम अथक प्रयास करती है। लेकिन इन सब पर पैसा खर्च होता है। कृपया हमारा समर्थन करें ताकि हम वही करते रहें जो हम सबसे अच्छा करते हैं। पढ़ने का आनंद लें

सहयोग करें
Or
9289230333
Or

POST COMMENTS (0)

Leave a Comment

प्रदर्शित लेख