इस्लामाबाद, एक जनवरी (भाषा): पाकिस्तान ने अपने मित्र देश चीन के साथ सहयोग के तीन दशक पूरे होने के अवसर पर चीनी सहायता प्राप्त कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में ईंधन डालने का काम पूरा कर लिया है। यहां शनिवार को जारी एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
सरकारी ‘एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (एपीपी) ने बताया कि पाकिस्तान परमाणु नियामक प्राधिकरण (पीएनआरए) से औपचारिक मंजूरी मिल जाने के बाद पाकिस्तानी प्राधिकारियों ने शुक्रवार को 1,100 मेगावॉट के परमाणु संयंत्र में ईंधन डालने की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
उसने बताया कि ‘‘परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान के बीच सहयोग के तीन दशक पूरे होने’’ और के-3 के नाम से जाने जाने वाले कराची परमाणु ऊर्जा संयंत्र इकाई-तीन में ईंधन डालने का काम पूरा होने के अवसर पर आयोजित समारोह में दोनों देशों के परमाणु ऊर्जा संबंधी संगठनों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि के-3 चालू होने के अंतिम चरण में है और परिचालन एवं सुरक्षा संबंधी जांच के बाद मार्च 2022 के अंत तक संयंत्र का वाणिज्यिक संचालन शुरू होने की संभावना है।
इसमें कहा गया है कि 1986 में चीन और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा ‘‘परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल में सहयोग संबंधी समझौते’’ पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद पाकिस्तान में परमाणु ऊर्जा विकास कार्यक्रम का नया युग आरंभ हुआ।
नवंबर 2013 में के-2 और के-3 की नींव रखे जाने के बाद के-3 का निर्माण औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। कोविड-19 के बावजूद पाकिस्तान और चीन ने निर्माण कार्य जारी रखा। के-2 का वाणिज्यिक संचालन 21 मई, 2021 को आरंभ हो गया था और अब मार्च 2022 के अंत में के-3 का भी वाणिज्यिक संचालन शुरू हो जाने की संभावना है।
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