इस्लामाबाद, तीन दिसंबर (भाषा) : पाकिस्तान ने बाघा सीमा के जरिए अफगान ट्रकों द्वारा 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयों को मानवीय मदद के तौर पर अफगानिस्तान पहुंचाने की शुक्रवार को भारत को इजाजत दे दी। इससे पहले सहायता पहुंचाने के तौर तरीकों को लेकर दोनों देशों में विवाद हो गया था।
भारत ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान को मदद पहुंचाने के तौर तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत चल रही है। भारत ने इस बात पर भी जोर दिया कि मानवीय सहायता पहुंचाने पर किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘ हम अपनी बात दोहराते हैं कि मानवीय सहायता के लिए किसी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए।”
पाकिस्तान ने भारत को ‘मानवीय उद्देश्यों के लिए अपवाद स्वरूप’ अपने क्षेत्र से पड़ोसी अफगानिस्तान में गेहूं और जीवन रक्षक दवाएं पहुंचाने की इजाजत देने के अपने फैसले के बारे में पिछले हफ्ते आधिकारिक रूप से बताया था।
पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को उसके क्षेत्र का इस्तेमाल कर अफगानिस्तान गेहूं भेजने के भारत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
हालांकि, विदेश दफ्तर ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पाकिस्तान के रास्ते अफगान ट्रकों के जरिए गेहूं और जीवन रक्षक दवाइयों को अफगानिस्तान भेजने के लिए नई दिल्ली को इजाजत देने के फैसले के बारे में भारत को आधिकारिक रूप से बता दिया गया है।
उसने कहा कि फैसला किया गया है कि वाघा सीमा से तोरखम तक मदद ले जाने के लिए अफगान ट्रकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
विदेश दफ्तर ने कहा कि यह फैसला भारत के उप उच्चायुक्त को बता दिया गया है।
पाकिस्तान जोर दे रहा था कि अफगानिस्तान भेजी जाने वाली गेहूं और दवाओं की खेप बाघा सीमा से पाकिस्तानी ट्रकों में रवाना की जाए जबकि भारत अपने ट्रक इस्तेमाल करना चाह रहा था।
भारत यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सहायता जरूरतमंद लाभार्थियों तक पहुंचे और एक विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के माध्यम से राहत सामग्री का वितरण हो।
पाकिस्तान के विदेश दफ्तर ने कहा कि भारत सरकार से मानवीय सहायता के वितरण में तेजी लाने के लिए जरूरी कदम उठाने की गुजारिश की गई है।
उसने यह भी कहा कि यह फैसला दिखाता है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के लोगों तक प्रस्तावित मानवीय मदद को सुगम बनाने के लिए प्रतिबद्ध और गंभीर है।
विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल सर्दियों में मौसम खराब रहता है तो अफगानिस्तान में बच्चों समेत लाखों लोग भुखमरी का सामना कर सकते हैं। अफगानिस्तान पर अब तालिबान का शासन है जो अगस्त के मध्य में सत्ता पर काबिज़ हुआ था।
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