बैंकॉक, सात जनवरी (एपी) : कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन द्वारा म्यांमा में पिछले साल हुए तख्ता पलट के बाद शांति प्रयासों की बहाली को लेकर किए गए दौरे ने आलोचकों की नाराजगी बढ़ा दी है जिनका कहना है कि यह सेना के सत्ता हथियाए जाने को मान्यता देना है।
पिछले साल फरवरी में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने के बाद से हुन सेन म्यांमा की यात्रा करने वाले किसी देश के पहले शासनाध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि कंबोडियाई प्रधानमंत्री पिछले 36 वर्षों से देश की सत्ता पर काबिज हैं और घरेलू राजनीतिक गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण रखते हैं।
हुन सेन दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के मौजूदा अध्यक्ष भी हैं और इसके तहत उन्होंने म्यांमा की सेना के वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलियांग से मुलाकात की। जनरल मिन ने एक हिंसक संघर्ष में म्यांमा की नेता आंग सान सू की के नेतृत्व वाली सरकार को बेदखल कर दिया था।
म्यांमा की सेना ने कुछ तस्वीरें जारी कर जनरल मिन और कंबोडियाई प्रधानमंत्री की मुलाकात की जानकारी दी है। म्यांमा के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गईं और प्रदर्शनकारियों ने हुन सेन की यात्रा पर नाराजगी व्यक्त की।
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