राजदूत गुरजीत सिंह 37 वर्षों तक भारतीय राजनयिक रहे। वह जर्मनी, इंडोनेशिया, तिमोर-लेस्ते और आसियान और इथियोपिया, जिबूती और अफ्रीकी संघ में भारत के राजदूत रहे हैं, इसके अलावा जापान, श्रीलंका, केन्या और इटली में असाइनमेंट पर रहे हैं। वह पहले 2 भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलनों के लिए शेरपा थे और भारत और इथियोपिया पर उनकी पुस्तक ‘द इंजेरा एंड द परांथा’ को खूब सराहा गया था। उन्होंने जापान, इंडोनेशिया और जर्मनी के साथ भारत के संबंधों पर किताबें भी लिखी हैं।
चीन-आसियान संबंधों के 30वें वर्ष में साझेदारी बढ़ाने के लिए चीन अपनी आर्थिक क्षमताओं का उपयोग कर रहा है।1 यह ट्रांस-
जिस समय क्वाड 24 सितंबर अपने शिखर सम्मेलन में आसियान पर ध्यान केंद्रित कर रहा था उसी दौरान दोनों शिखर सम्मेलनों की
जर्मनी में 26 सितंबर को होने वाले चुनावों से परिवर्तन की आशा है। वर्ष 2005 के पश्चात पहली बार चांसलर एंजेला मर्केल इस
पूरे विश्व का ध्यान अफगानिस्तान पर है। अफगानिस्तान में आतंकवाद, आईएस, नशीले पदार्थ सभी चिंता के विषय हैं। तालिबान
दक्षिण पूर्व एशिया में कमला हैरिस की रक्षात्मक पहल गुरजीत सिंह अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस इस सप्ताह दक्ष
क्वाड-आसियान रक्षा क्षेत्र में आपसी आदान-प्रदान में वृद्धि गुरजीत सिंह मालाबार क्वाड अभ्यास इस वर्ष सितंबर में
इन दिनों लोगों का ध्यान अगले क्वाड शिखर सम्मेलन और यूएस-चीन प्रतिद्वंद्विता पर केंद्रित है। जबकि इंडो-पैसिफिक का
आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम) 14 जून 2021 को आयोजित की गयी, क्योंकि संगठन चीन के साथ दक्षिण चीन सागर के लिए आच