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अफगानिस्तान में अपेक्षित बदलाव लाने के लिए संगठित वैश्विक कार्रवाई जरूरी


बुध, 13 अक्टूबर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि अफगान क्षेत्र चरमपंथ और आतंकवाद का स्रोत नहीं बने। उन्होंने उस देश में अपेक्षित बदलाव लाने के लिए संगठित वैश्विक प्रयासों की जरूरत बताई।

अफगानिस्तान के जी20 शिखर सम्मेलन में डिजिटल संबोधन में मोदी ने अफगान नागरिकों को तत्काल तथा निर्बाध मानवीय सहायता पहुंचाने पर भी जोर दिया और उस देश में समावेशी प्रशासन की जरूरत को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 2593 पर आधारित एकीकृत अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई अफगानिस्तान में हालात को सुधारने के लिए जरूरी है।

मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अफगानिस्तान पर जी20 के शिखर सम्मेलन में भाग लिया। अफगान क्षेत्र को चरमपंथ तथा आतंकवाद के स्रोत बनने से रोकने पर जोर दिया। अफगान नागरिकों को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता पहुंचाने तथा समावेशी प्रशासन के लिए भी आह्वान किया।’’

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता के तहत 30 अगस्त को अपनाये गये प्रस्ताव में अफगानिस्तान में मानवाधिकारों को कायम करने की जरूरत के बारे में उल्लेख है। इसमें आह्वान किया गया है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए और संकट के समाधान के लिए बातचीत कर राजनीतिक समाधान निकाला जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के अनुसार मोदी ने कहा कि भूख और कुपोषण का सामना कर रही अफगान जनता की पीड़ा को हर भारतीय समझता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता मिले।

उसने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह सुनिश्चित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया कि अफगान क्षेत्र क्षेत्रीय या वैश्विक रूप से चरमपंथ और आतंकवाद का स्रोत नहीं बने।’’

विदेश मंत्रालय के मुताबिक मोदी ने क्षेत्र में चरमपंथ, आतंकवाद और मादक पदार्थों तथा हथियारों की तस्करी करने वाले अपराधियों के खिलाफ संयुक्त लड़ाई को तेज करने की भी वकालत की।

उसने कहा, ‘‘पिछले 20 साल के सामाजिक-आर्थिक फायदों को संरक्षित रखने के मकसद से तथा चरमपंथी विचारधारा के प्रसार को पाबंद करने के लिए प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान में समावेशी प्रशासन की वकालत की जिसमें महिलाएं और अल्पसंख्यक शामिल हों।’’

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘उन्होंने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए समर्थन जताया और अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2593 में समाहित संदेश के लिए जी20 के नये सिरे से समर्थन का आह्वान किया।’’

उसने कहा कि मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से एकीकृत अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया देने का आह्वान किया जिसके बिना अफगानिस्तान के हालात में अपेक्षित बदलाव लाना मुश्किल होगा।

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