गाजा सिटी, 22 दिसंबर (एपी): सालों से बिजली संकट से जूझ रही गाजा पट्टी में लगभग हर परिवार अपना घर रौशन करने और अपने घरेलू कामकाज के सिलसिले में बैटरी पर निर्भर रहता है।
इन बैटरी से लोग रौशनी से लेकर इंटरनेट, राउटर आदि चलाते हैं। हालांकि इनसे उनके सामने एक नयी मुसीबत खड़ी हो गयी है क्योंकि पुरानी बैटरी का ढेर लग गया है और वे उनका सुरक्षित निस्तारण नहीं कर पा रहे हैं।
गाजा के पर्यावरण प्राधिकरण से संबद्ध अधिकारी मोहम्मद मुसलेह ने कहा, ‘‘ वास्तव में एक खतरा उत्पन्न हो गया है कि इन बैटरी को इकट्ठा करके गोदामों नहीं, बल्कि जैसे -तैसे खुले में रख दिया जाता है।’’
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा खतरा यह है कि ये बैटरी टूट जाती हैं और उनसे जो तरल पदार्थ निकलता है उसमें सलफ्यूरिक अम्ल होता है जो रिसकर जमीन में तथा पानी में चला जाता है।
गाजा के पर्यावरण प्राधिकरण का अनुमान है कि इस छोटे एवं सघन तटीय क्षेत्र में कई स्थानों पर 25000 टन पुरानी बैटरी पड़ी हैं और उनके पुनर्चक्रण की व्यवस्था नहीं है।
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