नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) : त्रिपक्षीय ऑकस सुरक्षा गठबंधन क्वाड जैसी भागीदारी का सहयोगी है और भारत एवं जापान ने इस समझौते का ‘‘काफी गर्मजोशी से स्वागत’’ किया है, क्योंकि दोनों देश इसके लक्ष्यों को समझते हैं और इसका समर्थन करते हैं। यह बात बृहस्पतिवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कही।
उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और जापान की सदस्यता वाला क्वाड गठबंधन नहीं है बल्कि समान समझ वाले लोकतंत्रों और अर्थव्यवस्थाओं की भागीदारी है जो स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने और दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट हुए हैं।
यह पूछने पर कि बीजिंग ने हाल में कहा था कि क्वाड का गठन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए हुआ है तो इस परिप्रेक्ष्य में वह किस तरह से भारत और चीन के बीच संबंधों का संतुलन करेंगे, मॉरिसन ने कहा कि वह क्षेत्र को इस तरह से ‘‘द्विध्रुवीय पक्षों’’ के रूप में नहीं देखते।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया इसे चीन के साथ संबंधों को संतुलित करने की आवश्यकता के रूप में नहीं देखते। साथ मिलकर काम करने का हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हम स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा दें और चीन सहित जो कोई भी उसमें भागीदारी करना चाहता है, उसका इस उद्देश्य के लिए स्वागत है।’’
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री वॉशिंगटन में क्वाड के पहले प्रत्यक्ष शिखर सम्मेलन के छह दिन बाद एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के निवर्तमान प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने भी हिस्सा लिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्षेत्र को इस तरह से द्विपक्षीय ध्रुव के रूप में नहीं देखते हैं। क्वाड क्षेत्र में इस तरह चुनौतियों को नहीं लेता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर हम क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरनाक किसी भी रूख को रोकना चाहते हैं, जो क्षेत्र में देशों की शांति एवं समृद्धि को खतरा पहुंचाता है या किसी भी तरह से उनकी संप्रभुता को सीमित करना चाहता है या अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उनकी स्वतंत्रता को बाधित करता है।’’
मॉरिसन ने कहा कि ऑकस (ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका) सहयोग के तहत ऑस्ट्रेलिया को परमाणु संपन्न पनडुब्बियों के निर्माण के लिए तकनीक हासिल करने में मदद मिल सकेगी। यह क्वाड जैसे गठबंधन के लिए सहायक है न कि उनसे कुछ लेने जा रहा है।
मॉरिसन ने कहा, ‘‘क्वाड के हमारे सहयोगियों ने ऑकस घोषणा का तहेदिल से स्वागत किया। नरेंद्र (मोदी) और योशी (जापान के प्रधानमंत्री) इस बात को पूरी तरह समझते हैं और समर्थन करते हैं कि हम वहां क्या हासिल करना चाहते हैं। और यह किस तरह से क्वाड के लिए सहयोगी है, इस पर उन्होंने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’
ऑकस गठबंधन को दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के प्रयास के तौर पर देखा जाता है, जिसकी घोषणा दो हफ्ते पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और मॉरिसन ने की थी।
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