वेलिंगटन, 16 सितंबर (एपी) : अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि वे नया सुरक्षा गठबंधन बना रहे हैं जिससे ऑस्ट्रेलिया परमाणु संपन्न पनडुब्बियों से लैस हो सकेगा।
गठबंधन से हिंद-प्रशांत एवं अन्य क्षेत्रों में संबंधों को नया रूप मिलेगा। विभिन्न देशों के लिए इसके मायने निम्न प्रकार से हैं —
अमेरिका
तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व में दस वर्ष पहले अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ज्यादा ध्यान दिए जाने और पश्चिम एशिया के संघर्ष से दूरी बनाने पर विचार-विमर्श शुरू किया था। राष्ट्रपति जो बाइडन के तहत अमेरिका ने अब अफगानिस्तान से अपनी सेना हटा ली है जबकि चीन के साथ तनाव बढ़ा है।
प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका एवं अन्य का दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक कार्रवाई और जापान, ताईवान तथा ऑस्ट्रेलिया का विरोध किए जाने को लेकर चिंता है। समझौते की घोषणा करते हुए तीनों नेताओं ने चीन का जिक्र नहीं किया, जबकि चीन इस गठबंधन को भड़काने वाला कदम बताता है।
अमेरिका ने पहले परमाणु प्रणोदन तकनीक ब्रिटेन के साथ साझा की है। बाइडन ने कहा कि ऐसा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लंबे समय तक शांति एवं स्थिरता के लिए किया गया है।
ब्रिटेन
ब्रेक्जिट के तहत यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद ब्रिटेन दुनिया में अपनी मौजूदगी को नये सिरे से दर्शाना चाहता है। इसके तहत उसका झुका हिंद-प्रशांत की तरफ बढ़ा है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि नये गठबंधन से तीनों देश दुनिया के जटिल क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे तीनों देश एक- दूसरे के और नजदीक आएंगे।
ऑस्ट्रेलिया
समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया अमेरिकी विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर कम से कम आठ परमाणु संपन्न पनडुब्बियां बनाएगा, जबकि फ्रांस के साथ डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के समझौते को रद्द कर देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि परमाणु पनडुब्बियों से ऑस्ट्रेलिया लंबी गश्त कर सकेगा और क्षेत्र में गठबंधन की सैन्य मौजूदगी मजबूत होगी।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि उन्होंने जापान और भारत के नेताओं को नए गठबंधन के बारे में बताने के लिए फोन किया है। जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच पहले ही ‘‘क्वाड’’ नाम से सामरिक भागीदारी है। बाइडन अगले हफ्ते क्वाड नेताओं की व्हाइट हाउस में बैठक करने वाले हैं।
चीन
चीन ने कहा कि इस गठबंधन से क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता बुरी तरह प्रभावित होगी और परमाणु हथियारों का प्रसार रोकने के प्रयास बाधित होंगे। इसने कहा कि यह अमेरिका और ब्रिटेन के लिए ‘‘अत्यंत गैर जिम्मेदाराना’’ कार्य है कि वे परमाणु तकनीक का निर्यात कर रहे हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘‘सबसे जरूरी कार्य ऑस्ट्रेलिया के लिए है कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव के कारणों की पहचान करे और सावधानीपूर्वक सोचे कि चीन को साझीदार मानना है या खतरा।’’
फ्रांस
ऑस्ट्रेलिया ने फ्रांस से कहा है कि वह इसके डीसीएनएस के साथ दुनिया के सबसे बड़े, 12 परंपरात पनडुब्बियां बनाने के ठेके को खत्म करेगा। यह ठेका अरबों डॉलर का है। फ्रांस इससे क्षुब्ध है और सभी पक्षों से जवाब मांग रहा है।
न्यूजीलैंड
नए गठबंधन से ऑस्ट्रेलिया के पड़ोसी न्यूजीलैंड को बाहर रखा गया है। इसकी लंबे समय से परमाणु मुक्त नीति रही है जिसमें परमाणु संपन्न पोतों के इसके बंदरगाह में प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।
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