सोल, 30 जनवरी (एपी) : उत्तर कोरिया ने रविवार को एक मिसाइल का परीक्षण किया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यभार संभालने के बाद से सबसे शक्तिशाली मिसाइल परीक्षण बताया जा रहा है।
उसने यह परीक्षण ऐसे समय में किया है जब वह कूटनीति में लंबे समय से चल रहे गतिरोध के बीच अमेरिका और अन्य पड़ोसी देशों पर प्रतिबंधों में ढील देने के लिए अपना पुराना हथकंडा अपना रहा है।
जापान और दक्षिण कोरिया की सेना ने बताया कि उनके आरंभिक आकलन के अनुसार मिसाइल संभावित रूप से अधिकतम 2,000 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंची और समुद्र में गिरने से पहले उसने 800 किलोमीटर की दूरी तय की।
इन जानकारियों से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने 2017 के बाद से अपनी सबसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। उसने 2017 में तीन अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था, जो अमेरिका के भीतर तक मार करने में सक्षम हैं।
रविवार को किया गया प्रक्षेपास्त्र परीक्षण उत्तर कोरिया का इस महीने में सातवां परीक्षण है। ताबड़तोड परीक्षण किया जाना लंबे समय से बाधित परमाणु वार्ता को लेकर बाइडन प्रशासन पर दबाव बनाने का संकेत देता है, क्योंकि परमाणु हथियार कार्यक्रमों के कारण अमेरिकी प्रतिबंधों तथा अपने शासकीय कुप्रबंधन के कारण पहले से बर्बाद उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था महामारी के कारण खस्ताहाल हो चुकी है।
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई और उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण को एक संभावित ‘‘मध्य-श्रेणी की बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च’’ के रूप में वर्णित किया। इसके साथ ही उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण और लंबी दूरी के मिसाइल परीक्षण पर 2018 में खुद से लगाई गयी रोक के संकल्प से हटने के कगार पर पहुंच गया है।
उत्तर कोरिया के संबंध में हाल के वर्षों की सबसे तल्ख टिप्पणी करते हुए मून ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप के आसपास की स्थिति 2017 से मिलती-जुलती है, जब उत्तर कोरिया के परमाणु और लंबी दूरी के मिसाइल परीक्षण की उत्तेजना के परिणामस्वरूप किम और (तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति) डोनाल्ड ट्रम्प के बीच ‘तलवारें’ खींच चुकी थीं।
मून ने कहा कि उत्तर कोरिया के नवीनतम कदमों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है और ‘‘कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु मुक्त करने, शांति बहाली और परमाणु गतिरोध का राजनयिक समाधान खोजने के अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों को चुनौती’’ दी है।
जापानी रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने भी संवाददाताओं से कहा कि मिसाइल नवंबर 2017 में ह्वासोंग-15 आईसीबीएम के बाद से उत्तर कोरिया द्वारा परीक्षण की गई सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है।
इस परीक्षण से पहले उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने 20 जनवरी को सत्तारूढ़ पार्टी की एक बैठक की अध्यक्षता की थी, जहां पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों ने परमाणु विस्फोटकों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण बहाल करने की धमकी दी थी। किम ने अमेरिका के साथ कूटनीतिक वार्ता शुरू होने पर 2018 में इन हथियारों का परीक्षण रोक दिया था।
जापान के प्रमुख कैबिनेट मंत्री हिरोकाजु मात्सुनो ने कहा कि मिसाइल ने करीब 30 मिनट तक उड़ान भरी और जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के बाहर समुद्र में गिरी।
मिसाइल विशेषज्ञ ली चून ग्यून ने बताया कि जापान के आकलन से पता चलता है कि उत्तर कोरिया ने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल या आईसीबीएम की क्षमताओं के करीब के किसी हथियार का परीक्षण किया है।
इस परीक्षण से तीन दिन पहले उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को दो कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था। उसने मंगलवार को भी कथित तौर पर लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया था।
विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया चीन का सम्मान करते हुए अगले सप्ताह बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों की शुरुआत के बाद हथियारों का परीक्षण रोक सकता है।
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