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उत्तर कोरिया ने वार्ता में गतिरोध के बीच मिसाइल का परीक्षण किया


बुध, 12 जनवरी 2022   |   2 मिनट में पढ़ें

सियोल, 11 जनवरी (एपी) : उत्तर कोरिया ने मंगलवार को अपने पूर्वी सागर में एक मिसाइल दागी, जो बैलिस्टिक मिसाइल प्रतीत होती है और एक सप्ताह में यह इसका दूसरा परीक्षण है। यह परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने तमाम अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद परमाणु कार्यक्रम का विस्तार करने का आह्वान किया है।

इससे पहले उत्तर कोरिया ने 2021 में भी लगातार हथियारों के परीक्षण किए थे, जो इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे उत्तर कोरिया वैश्विक महामारी के मद्देनजर लगाए गए अपने लॉकडाउन और अमेरिका के साथ परमाणु वार्ता में गतिरोध आ जाने के बीच अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना जारी रखे हुए है।

दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि उत्तर कोरिया ने उत्तरी जागांग प्रांत से संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल दागी है, जो 700 किलोमीटर की दूरी पर उसके पूर्वी तट के नजदीक समुद्र में गिरी। उसने यह दूरी अधिकतम 10 मैक की गति से तय की।

उन्होंने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का ‘‘स्पष्ट उल्लंघन’’ है और पिछले सप्ताह किए गए परीक्षण की तुलना में अधिक उन्नत क्षमता का प्रतीत होता है। वहीं, उत्तरी कोरिया की सरकारी मीडिया ने इसे हाइपरसोनिक मिसाइल बताते हुए सफल परीक्षण करार दिया और बताया कि इस तरह की मिसाइल का पहला परीक्षण गत सितंबर में किया गया था।

दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने मिसाइल के प्रकार को लेकर कोई आकलन सार्वजनिक नहीं किया है लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया ने हो सकता है कि कथित हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण दक्षिण कोरिया की सेना द्वारा उसके पिछले परीक्षण को ज्यादा महत्व नहीं देने के जवाब में किया है।

उत्तर कोरिया ने मंगलवार को तत्काल परीक्षण पर कोई टिप्पणी नहीं दी है।

जापान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि संदिग्ध मिसाइल उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में गिरी है।

जापान के प्रधानमंत्री फ़ुमिओ किशिदा ने कहा कि अधिकारी जापान के चारों ओर जहाजों और विमानों की सुरक्षा की जांच कर रहे हैं। किसी तरह के व्यवधान या क्षति की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है।

किशिदा ने कहा, ‘‘यह अत्यंत खेदजनक है कि उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल दाग रहा है’’ और वह भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा उत्तर कोरिया के पहले प्रक्षेपण पर चर्चा के तुरंत बाद।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में परीक्षण को लेकर चर्चा की गई, जिसमें उत्तर कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे परीक्षण पर ‘‘गहरा अफसोस’’जताया गया और उत्तर कोरिया से वार्ता की मेज पर लौटने का आह्वान किया गया।

अमेरिका के हिंद-प्रशांत कमान ने कहा कि परीक्षण से तत्काल ‘‘अमेरिकी सैनिकों या भूभाग या हमारे सहयोगियों’’ को कोई खतरा नहीं है, लेकिन रेखांकित किया कि उत्तरी कोरिया के परमाणु कार्यक्रम का अस्थिर करने वाला असर हो रहा है।

इससे पहले, उत्तर कोरिया ने करीब छह दिन पहले भी पूर्वी समुद्री क्षेत्र में एक संदिग्ध बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था।

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