(अदिति खन्ना)
लंदन, 18 अगस्त (भाषा) ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा करते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान से कहा कि अफगानिस्तान में नयी सरकार को मान्यता ‘‘अंतरराष्ट्रीय आधार पर दी जानी चाहिए न कि एकतरफा।’’
क्षेत्र में उत्पन्न संकट से निपटने के लिए समन्वित रणनीति बनाने के लिए जॉनसन विश्व नेताओं के साथ फोन पर बातचीत कर रहे हैं और इसी कड़ी में उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से बातचीत करने से पहले मंगलवार की दोपहर खान से बात की थी।
जॉनसन की यह बातचीत ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में अफगानिस्तान संकट पर बहस होने से पहले हुई है। ब्रिटिश संसद ने अपनी गर्मियों की छुट्टियों को रद्द कर बुधवार को विशेष सत्र का आयोजन किया है।
डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय) से बातचीत के बारे में जारी बयान के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री (जॉनसन) ने अफगानिस्तान और विस्तृत क्षेत्र को मानवीय आपदा से बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।’’
बयान में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री (जॉनसन)ने रेखांकित किया कि अफगानिस्तान में नयी सरकार को मान्यता अंतरराष्ट्रीय आधार पर दी जानी चाहिए, न कि एकतरफा तरीके से। उन्होंने कहा कि भविष्य में तालिबान सरकार की किसी तरह की वैधता उनके द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत मानवाधिकारों के पालन और समावेशिता पर निर्भर करेगी।’’
बयान में कहा गया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्री आने वाले दिनों में क्षेत्र मे उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर ‘करीबी संपर्क’ रखने पर सहमति जताई।
खान के बाद बाइडन को किए फोन कॉल में जॉनसन ने हाल के दिनों में ब्रिटिश नागरिकों, मौजूदा एवं पूर्व कर्मियों और अन्य को अफगानिस्तान से निकालने में अमेरिकी-ब्रिटिश सहयोग का स्वागत किया।
डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जॉनसन और राष्ट्रपति बाइडन ने अफगानिस्तान को मानवीय संकट से बचाने के लिए वैश्विक समुदाय के एक साथ आने की जरूरत पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री ने ब्रिटेन की इलाके में मानवीय सहायता बढ़ाने और शरणार्थियों के पुनर्वास की योजना साझा की।’’
बयान में कहा गया कि ब्रिटेन अफगान नागरिक पुनर्वास योजना के तहत तालिबान से सबसे अधिक खतरे का सामना कर रही महिलाओं, लड़कियों, धार्मिक और अन्य अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देगा।
जॉनसन ने योजना की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘हम उन सभी के ऋणी हैं जिन्होंने गत 20 साल में अफगानिस्तान को बेहतर स्थान बनाने में हमारे साथ काम किया। उनमें से कई को, खासतौर पर महिलाओं को तत्काल मदद की जरूरत है। मुझे गर्व है कि ब्रिटेन ने उनकी और उनके परिवार को हमारे देश में सुरक्षित रहने का यह रास्ता तैयार किया।’’
इस योजना को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने बुधवार को पुष्टि की कि ‘ यह पूर्व शर्त आधारित’ होगी और इसका लक्ष्य आने वाले सालों में 20 हजार अफगान शरणार्थियों को यहां लाना है जिनमें से पांच हजार योग्य शारणार्थियों को पहले साल बसाया जाएगा।
भाषा धीरज शाहिद
शाहिद
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