श्रीनगर, 12 अक्टूबर (भाषा) : सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर अतिरिक्त सैनिक तैनात करने या उनकी संख्या कम करने की कोई जरूरत नहीं है तथा भारतीय सेना सतर्क है और घाटी में किसी भी तरह की घुसपैठ नहीं होने देगी।
ऑपरेशन ‘सद्भावना’ के तहत राजस्थान के मेवाड़ विश्वविद्यालय में विभिन्न पाठ्यक्रमों में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के 300 छात्रों के विदाई समारोह के बाद शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्रीनगर स्थित 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने कहा कि सीमा पार बैठे आतंकवादी सर्दियों की शुरुआत से पहले भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश करेंगे।
उन्होंने कहा, “ (नियंत्रण रेखा) पार बैठे हमारे विरोधी एजेंटों के पास यह सुनिश्चित करने का आखिरी मौका है कि वे आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों को घुसपैठ कराएं। हमें जानकारी मिल रही है। उरी और रामपुर सेक्टरों में घुसपैठ की दो कोशिशें हुई हैं, जिन्हें न केवल नाकाम कर दिया गया, बल्कि आतंकवादियों को ढेर भी कर दिया गया।”
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा, “सूचना मिलती रहेगी और मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हम नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह सतर्क हैं। हम किसी भी घुसपैठिए को आने नहीं देंगे। एक-दो जो आ जाएंगे, उन्हें कश्मीर के लोगों की मदद से खत्म कर दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर पहले से ही घुसपैठ रोकने के उपाय किए जा रहे हैं और घुसपैठ को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त बलों या उनकी संख्या को कम करने की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अधिक बलों को भेजने या (नियंत्रण रेखा से) बल को हटाने की जरूरत है। मेरे पास इसे (घुसपैठ की रोकथाम) सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त बल है।”
सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हालिया मुठभेड़ों का जिक्र करते हुए, सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से चल रहे अभियान खुफिया सूचना पर आधारित हैं और हाल के दिनों में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों की हत्याएं किए जाने से संबंधित नहीं है।
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने कहा कि हमलों में वृद्धि नहीं हुई है लेकिन पाकिस्तान घाटी में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए नियंत्रण रेखा के पार से कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई वृद्धि हुई है। लेकिन हां, नागरिकों की हत्याएं हुई हैं। परिवारों के लिए, देश के लिए हर नुकसान अहम है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि यह नियंत्रण रेखा के पार से चलाया जा रहा है और हमें यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत सावधान रहना होगा कि इन क्रूर और निंदनीय हत्याओं से कश्मीर घाटी का सांप्रदायिक सौहार्द खराब न हो।”
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