गांधीनगर, नौ नवंबर (भाषा) : सैन्य प्रशिक्षण कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने मंगलवार को यहां कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के वृहद लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश के हर क्षेत्र, प्रतिभा और विशेषज्ञता को एक साथ आने की जरूरत है।
उन्होंने ‘ज्ञान के केंद्रों’ के बीच संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने यहां राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘आम नागरिक-सैन्य समन्वय’ की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ गंभीर चुनौतियों के बीच हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा आकांक्षाओं और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारत में हर क्षेत्र की प्रतिभा, विशेषज्ञता को एक साथ आने की आवश्यकता होगी… सशस्त्र बल, व्यापक रक्षा, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद, कॉर्पोरेट, एसएमई, स्टार्ट-अप, दूरदर्शी नेता और शिक्षाविद। अगर भारत को गहन सुरक्षा प्रतिस्पर्धा में रणनीतिक लाभ हासिल करना है तो हर किसी को अपने कौशल और ऊर्जा का इस्तेमाल करना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘सैन्य-अकादमिक सहयोग को कई वजहों से बड़े पैमाने पर और तेज गति से बढ़ना चाहिए और समय-सीमा के साथ उत्कृष्टता प्राप्त करनी चाहिए… सबसे तत्काल वजह हमारे उत्तरी पड़ोसी चीन का सैन्य आधुनिकीकरण है, जिससे दुनिया भर के सामरिक सैन्य हलकों में हलचल है।’
उन्होंने कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैन्य आधुनिकीकरण का प्रमुख कारण सैन्य-अकादमिक सहयोग रहा है।
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