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नौसेना ने पसंदीदा सुरक्षा साझेदार होने के देश के दृष्टिकोण को रेखांकित किया : कोविंद


सोम, 06 सितम्बर 2021   |   2 मिनट में पढ़ें

पणजी, छह सितंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को यहां पास स्थित आईएनएस हंस पर एक रस्मी परेड में भारतीय नेवल एविएशन को ‘राष्ट्रपति का ध्वज’ (प्रेसीडेंट्स कलर) प्रदान किया और कहा कि संकट के समय में नौसेना की त्वरित एवं प्रभावी तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में ‘प्रथम प्रतिक्रिया देने’ और ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार’ बनने के देश के दृष्टिकोण को रेखांकित किया है। इस अवसर पर नौसेना ने राष्ट्रपति को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया।

गोवा के तीन दिवसीय दौरे पर आए राष्ट्रपति ने नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह की मौजूदगी में नेवल एविएशन को ‘राष्ट्रपति का ध्वज’ प्रदान किया। पणजी से करीब 40 किमी दूर वास्को में स्थित आईएनएस हंस नौसैन्य अड्डे पर हुए इस कार्यक्रम को राष्ट्रपति ने संबोधित किया। इसमें गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत तथा अन्य अतिथि मौजूद थे। राष्ट्र की अद्वितीय सेवा के लिये किसी भी सैन्य इकाई को प्रदान किया जाने वाला ‘राष्ट्रपति का ध्वज’ सर्वोच्च सम्मान होता है।

इस अवसर पर कोविंद ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना ने सभी क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने मित्रों एवं साझेदारों के साथ राजनयिक संबंधों को बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत की कोविड-19 को लेकर मदद संबंधी पहुंच के लिए ‘ऑपरेशन समुद्र सेतु’ और ‘मिशन सागर’ जैसे अभियानों के साथ नौसेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उसने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री पड़ोसियों और साझेदारों को सहायता पहुंचाई।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘संकट के समय में भारतीय नौसेना की त्वरित एवं प्रभावी तैनाती ने ‘पसंदीदा सुरक्षा साझेदार’ और ‘प्रथम प्रतिक्रिया’ वाला देश बनने की भारत की सोच को रेखांकित किया है।’’ उन्होंने कहा कि देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के अलावा वह नौसेना की एक विशेष उपलब्धि को रेखांकित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि भारतीय नौसेना ने स्वदेशीकरण को सक्रिय रूप से अंगीकार किया है। यह नौसेना की वर्तमान एवं भविष्य की अधिग्रहण योजनाओं में झलकता है जिसके पीछे स्वदेशीकरण की ताकत है।’’

कोविंद ने कहा कि बल में महिलाओं को शामिल करने में भी नेवल एविएशन अग्रणी है। उन्होंने कहा, ‘‘नेवल एविएशन में 150 हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों में से करीब 84 अर्थात 50 फीसदी से अधिक महिलाएं हैं और 400 पर्यवेक्षकों में से 75 महिलाएं हैं। मुझे बताया गया कि महिला पायलटों को नेवल एविएशन में शामिल किया गया। यह एक स्वस्थ चलन है जिसे प्रोत्साहित करना चाहिए।’’ राष्ट्रपति ने अनेक मानवीय सहायता एवं आपदा राहत अभियानों में नेवल एविएशन के योगदान की सराहना की।

नौसेना के प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों में भारतीय नौसेना को सबसे पहले यह सम्मान मिला था, जब भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 27 मई, 1951 को उसे ध्वज प्रदान किया था। उसके बाद ‘राष्ट्रपति का ध्वज’ नौसेना के दक्षिणी कमान, पूर्वी कमान, पश्चिमी कमान, पूर्वी बेड़े, पश्चिमी बेड़े, पनडुब्बी इकाई, आईएनएस शिवाजी और भारतीय नौसेना अकादमी को भी प्राप्त हुआ।

उन्होंने बताया कि भारतीय नेवल एविएशन उस समय अस्तित्व में आया, जब 13 जनवरी, 1951 को पहला सी-लैंड हवाई जहाज खरीदा गया तथा 11 मई, 1953 को पहला नौसेना हवाई स्टेशन आईएनएस गरुड़ का लोकार्पण किया गया था।

आज, भारतीय नेवल एविएशन के पास नौ हवाई स्टेशन और तीन नौसेना वायु क्षेत्र हैं। ये सभी भारत की तटरेखा और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में स्थित हैं। पिछले सात दशकों के दौरान, नेवल एविएशन आधुनिक, प्रौद्योगिकी आधार पर उन्नत और अत्यंत सक्षम बल के रूप में विकसित हो चुका है। इस समय उसके पास 250 से अधिक युद्धक विमान हैं, जिनमें विमान वाहक पोतों पर तैनात लड़ाकू जहाज, समुद्र में टोह लेने वाले हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर और दूर से यंत्र द्वारा चलाये जाने वाले हवाई जहाज शामिल हैं।




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