नयी दिल्ली, 12 नंवबर (भाषा) : भारतीय और थाईलैंड की नौसेना ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता को लेकर उत्पन्न चिंता के बीच शुक्रवार को अंडमान सागर में तीन दिवसीय समन्वित गश्त शुरू की।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों देशों की समन्वित गश्त (कोरपैट) में भारतीय नौसेना की देश में ही निर्मित मिसाइल कोर्वेट कार्मुक और थाईलैंड की खामरोसिन श्रेणी की पनडुब्बी रोधी गश्ती पोत तयानचोन सहित दोनों सेनाओं के समुद्री गश्ती विमान हिस्सा ले रहे हैं।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि दोनों नौसेनाएं 2005 से ही साल में दो बार अपनी अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा से लगे इलाके में कोरपैट करती हैं, जिसका लक्ष्य हिंद महासागर को वैश्विक व्यापार के लिए सुरक्षित बनाना है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरपैट से दोनों नौसेनाओं में समझ और परस्परता स्थापित करने में मदद मिलती है और गैर कानूनी गतिविधियों जैसे अवैध रूप से मछली पकड़ने, मादक पदार्थ तस्करी, आतंकवाद, हथियारों की लूट और समुद्री डकैती को रोकने में संस्थागत सहायता मिलती है।’’
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना गत कुछ सालों में हिंद महासागर में धीरे-धीरे अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। पिछले महीने भारत ने मालाबार युद्धाभ्यास किया था जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने हिस्सा लिया था।
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